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स्पेसएक्स बनाएगा ‘Moonbase Alpha’: धरती से बाहर इंसानों का पहला स्थायी ठिकाना

एलन मस्क की एयरोस्पेस कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) अब इतिहास रचने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। कंपनी ‘मूनबेस अल्फा (Moonbase Alpha)’ नामक परियोजना के तहत चंद्रमा पर इंसानों का पहला स्थायी ठिकाना बनाने की तैयारी कर रही है। इस महत्वाकांक्षी मिशन के लिए स्पेसएक्स ने अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट ‘स्टारशिप (Starship)’ को खासतौर पर डिजाइन किया है। कंपनी का लक्ष्य न केवल चंद्रमा पर बल्कि भविष्य में अन्य ग्रहों पर भी स्थायी मानव बस्तियाँ बसाने का है।
स्पेसएक्स को नासा के ‘आर्टेमिस प्रोग्राम’ (NASA Artemis Program) के तहत चुना गया है, जिसके जरिए 50 साल बाद पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को फिर से चंद्रमा पर उतारा जाएगा।

स्टारशिप की अद्भुत क्षमता

स्पेसएक्स द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, स्टारशिप में 600 घन मीटर से अधिक का प्रेशराइज्ड स्पेस और दो एयरलॉक मौजूद हैं। यह स्पेस अपोलो लूनर लैंडर की तुलना में दोगुना से भी अधिक है। यह अंतरिक्ष यान 100 टन तक का कार्गो चंद्रमा पर उतारने में सक्षम है।
कंपनी स्टारशिप के विकास में 90 प्रतिशत से अधिक निवेश स्वयं कर रही है, जिसमें उत्पादन, परीक्षण और लॉन्च इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं।
अब तक स्पेसएक्स ने इस सिस्टम के कई महत्वपूर्ण परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • रॉकेट लॉन्च, रिटर्न और री-यूज़ से जुड़े कई उड़ान परीक्षण
  • अंतरिक्ष में ईंधन ट्रांसफर और इंजन रीलाइट टेस्ट
  • ह्यूमन लैंडिंग सिस्टम (HLS) टीम द्वारा 49 प्रमुख माइलस्टोन पूरे किए जा चुके हैं, जिनमें लाइफ सपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट, लैंडिंग सॉफ्टवेयर, रैप्टर इंजन टेस्टिंग, और EVA एलिवेटर/एयरलॉक डेमोंस्ट्रेशन शामिल हैं।

आने वाले मिशन: दीर्घकालिक उड़ान परीक्षण और कक्षा में ईंधन स्थानांतरण

स्पेसएक्स के अगले प्रमुख चरणों में लॉन्ग-ड्यूरेशन फ्लाइट टेस्ट और ऑर्बिट में प्रोपेलेंट ट्रांसफर शामिल हैं। इन परीक्षणों से यह डेटा एकत्र किया जाएगा कि लंबे मिशन के दौरान रॉकेट की प्रणोदन प्रणाली और थर्मल व्यवहार कैसा रहता है। इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि लंबे समय तक ईंधन भंडारण और उसके उबाल (boil-off) को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। कक्षा में ईंधन स्थानांतरण (in-orbit refueling) क्षमता को आर्टेमिस मिशन के लिए आवश्यक माना जा रहा है। इस तकनीक से स्टारशिप सीधे 100 टन पेलोड को चंद्रमा की सतह तक पहुंचा सकेगा। यही क्षमता आगे चलकर इंसानों, रोवर्स और आवास इकाइयों (habitats) को चंद्रमा पर भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

भविष्य की दिशा: चंद्रमा पर स्थायी मानव उपस्थिति की ओर

स्पेसएक्स की नई स्टारशिप V3 को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। इसमें डॉकिंग पोर्ट, ड्रैगनआई सेंसर, और उन्नत इन-ऑर्बिट रिफ्यूलिंग क्षमता शामिल हैं। इन सुविधाओं के माध्यम से स्टारशिप न केवल चंद्रमा पर इंसानों को उतार सकेगा, बल्कि वहां स्थायी बेस बनाने के लिए आवश्यक सामग्री भी पहुंचा सकेगा। एलन मस्क का विज़न है कि “मानवता को बहुग्रही (multiplanetary species)” बनाया जाए — यानी इंसानों की उपस्थिति सिर्फ पृथ्वी तक सीमित न रहे। ‘मूनबेस अल्फा’ इसी सपने की पहली सीढ़ी है। यह परियोजना न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में नई इबारत लिखेगी, बल्कि यह साबित करेगी कि विज्ञान और तकनीक की मदद से इंसान अब वास्तव में तारों तक पहुँच सकता है।

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