Share Market: GST काउंसिल की बैठक, अमेरिकी टैरिफ और ऑटो बिक्री डेटा निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण

Share Market: पिछला सप्ताह भारतीय शेयर बाजार के लिए विशेष नहीं रहा। निफ्टी और सेंसेक्स दोनों लाल निशान में बंद हुए। निफ्टी 443.25 अंक या 1.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,426.85 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 1,497.20 अंक या 1.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79,809.65 पर बंद हुआ। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने भी तेज गिरावट देखी। निफ्टी मिडकैप 100 1,902.35 अंक या 3.30 प्रतिशत घटकर 55,727.40 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 692.50 अंक या 3.86 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,227 पर बंद हुआ।
विभिन्न क्षेत्रों के शेयरों की स्थिति
क्षेत्रवार इंडेक्स की बात करें तो पीएसयू बैंक -3.46 प्रतिशत, वित्तीय सेवा -2.85 प्रतिशत, रियल्टी -4.28 प्रतिशत, ऊर्जा -2.52 प्रतिशत, धातु -2.35 प्रतिशत और पीएसई -2.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए। इसके विपरीत केवल PSU इंडेक्स ही 0.73 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। इस गिरावट के कारण देश की शीर्ष 10 मूल्यवान कंपनियों में से आठ कंपनियों का मार्केट कैप घट गया। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सबसे अधिक नुकसान देखा, जिसका मार्केट कैप 70,707.17 करोड़ रुपये घट गया।
आने वाले हफ्ते में नजर रखने योग्य बातें
आने वाला सप्ताह भारतीय शेयर बाजार के लिए खास हो सकता है। निवेशकों की नजरें कई महत्वपूर्ण आंकड़ों और बैठकों पर होंगी। 3 और 4 सितंबर को GST काउंसिल की बैठक होने वाली है। इसके अलावा सोमवार से ऑटो बिक्री डेटा जारी होगा, जो देश की अर्थव्यवस्था की सेहत को दर्शाएगा। आमतौर पर वाहनों की अधिक बिक्री को मजबूत आर्थिक प्रदर्शन का संकेत माना जाता है। इसके साथ ही शुक्रवार को जारी हुए पहले तिमाही के जीडीपी डेटा पर भी बाजार की प्रतिक्रिया देखी जा सकती है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर उम्मीद से अधिक 7.8 प्रतिशत रही।
निवेशकों के लिए संकेत
इस सप्ताह के आंकड़े और बैठकें निवेशकों को बाजार की दिशा तय करने में मदद कर सकती हैं। GST काउंसिल की बैठक से कर नीति और रियायतों में बदलाव की संभावना रहेगी, जो शेयर बाजार को प्रभावित कर सकती है। ऑटो सेल डेटा और जीडीपी आंकड़े निवेशकों को आर्थिक स्थिति का स्पष्ट संकेत देंगे। पिछले सप्ताह की गिरावट के बावजूद, आने वाले हफ्ते में ये संकेत बाजार को तेजी या स्थिरता की ओर ले जा सकते हैं। निवेशकों को सतर्क रहकर आर्थिक और नीतिगत सूचनाओं पर ध्यान देना होगा, ताकि सही निवेश निर्णय लिया जा सके।