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Sanjay Raut: ऑल पार्टी डेलिगेशन या दिखावा? संजय राउत ने सरकार की खोली परतें

शिव सेना के Sanjay Raut ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बनी सभी पार्टियों की प्रतिनिधिमंडल पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मामले में राजनीति कर रही है जो सही नहीं है। विपक्ष का समर्थन चाहिए और फिर उसे तोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रतिनिधिमंडल भेजने की जरूरत ही नहीं थी।

विपक्ष की मांगें नजरअंदाज

संजय राउत ने कहा कि विपक्ष ने कश्मीर और ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। उस सत्र के बाद ही प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए था। लेकिन भाजपा ने अपनी पसंद के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भेजा है। शिव सेना के नौ सांसद हैं पर उनसे पूछा तक नहीं गया कि किसे भेजना है।

प्रतिनिधिमंडल का असली मकसद क्या है?

संजय राउत ने टीएमसी के 35 और समाजवादी पार्टी के 40 सदस्यों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर सभी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की बात हो तो सभी को लेना चाहिए था। उन्होंने पूछा कि कश्मीर जाकर क्या हासिल होगा। क्या यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाना चाहते हैं? उन्होंने इसे एक टूरिज्म प्रोग्राम करार दिया।

विदेश यात्रा पर तीखी आलोचना

संजय राउत ने कहा कि यह एक टूरिज्म प्रोग्राम जैसा हो गया है। उन्होंने सुप्रिया सुळे की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के नाम पर एक ट्रैवल कंपनी खोल दी गई है। मोदी सरकार की विदेश यात्राएं फेल हो चुकी हैं और अब हमारे लोगों की क्या जगह बनेगी।

सभी विपक्षी दलों को साथ लेकर चलने की अपील

संजय राउत ने कहा कि अजीत पवार के पास एक सांसद है और पवार साहब के आठ सांसद हैं लेकिन शिव सेना के नौ सांसद हैं। उन्हें सरकार से कोई निमंत्रण या संदेश नहीं मिला। उन्होंने कहा कि टीएमसी और अखिलेश यादव से बात होनी चाहिए। सरकार मनमाने तरीके से चयन कर रही है। प्रधानमंत्री खुद भी प्रतिनिधिमंडल को अमेरिका ले जाएं तो कोई समस्या नहीं है।

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