Sai Sudarshan: नोट छापने से क्या फायदा, जब बल्ला ही खामोश रहा? बुरी तरह फ्लॉप हुआ ये भारतीय स्टार!

Sai Sudarshan: इंग्लैंड के खिलाफ चल रहे पहले टेस्ट मैच में भारत ने कुल 96 रनों की बढ़त हासिल कर ली है और उसके 8 विकेट शेष हैं। इस मुकाबले में जहां यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों ने जोरदार प्रदर्शन किया, वहीं डेब्यू कर रहे साई सुदर्शन उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। पहले ही मैच में टीम इंडिया ने उन पर बड़ा भरोसा जताया था, लेकिन उन्होंने पहली पारी में बिना खाता खोले पवेलियन लौटकर सभी को चौंका दिया।
दूसरी पारी में भी नहीं चला बल्ला
पहली पारी में शून्य पर आउट होने के बाद ऐसा लगा कि साई सुदर्शन दूसरी पारी में कुछ खास करेंगे। कैमरे में देखा गया कि वह बॉल का बारीकी से निरीक्षण कर रहे थे और कुछ नोट्स भी बना रहे थे। क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद थी कि ये रणनीति शायद उन्हें बड़ी पारी के लिए तैयार कर रही है। लेकिन मैदान पर नतीजा कुछ और ही रहा। सुदर्शन ने दूसरी पारी में 48 गेंदों पर केवल 30 रन बनाए जिसमें चार चौके शामिल थे। बेन स्टोक्स की गेंद पर जैक क्रॉली ने उनका कैच पकड़ा और वो एक बार फिर नाकाम रहे।
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— Star Sports (@StarSportsIndia) June 22, 2025
घरेलू क्रिकेट में बना रखा है रनों का अंबार
साई सुदर्शन का इंटरनेशनल डेब्यू भले ही फीका रहा हो, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन जबरदस्त रहा है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 29 मैचों में कुल 1957 रन बनाए हैं। वहीं लिस्ट-ए क्रिकेट में 28 मैचों में उन्होंने 1396 रन बटोरे हैं। गुजरात टाइटन्स के लिए खेलते हुए उन्होंने आईपीएल में 1793 रन बनाए हैं, जिनमें दो शतक और 12 अर्धशतक शामिल हैं। उनके घरेलू रिकॉर्ड को देखकर ही चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट ने उन्हें टेस्ट डेब्यू का मौका दिया था।
क्या दबाव में आ गए साई?
अक्सर ऐसा देखा गया है कि जब कोई खिलाड़ी डेब्यू करता है तो उस पर प्रदर्शन का जबरदस्त दबाव होता है। साई सुदर्शन भी शायद उसी दबाव का शिकार हो गए। इंग्लैंड की तेज और स्विंग होती पिचों पर बल्लेबाजी आसान नहीं होती और शायद साई को इस चुनौती का सही अंदाजा नहीं था। हालांकि टीम प्रबंधन और कप्तान ने उन पर भरोसा जताया था लेकिन वो उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके।
आगे के मौकों पर होगी नजर
हर खिलाड़ी के करियर की शुरुआत परफेक्ट नहीं होती। कई बार स्टार खिलाड़ी भी डेब्यू मैच में फ्लॉप हो जाते हैं लेकिन आगे चलकर वही क्रिकेट की दुनिया में चमकते हैं। साई सुदर्शन के पास अभी लंबा रास्ता है और उनके टैलेंट में किसी को शक नहीं है। ज़रूरत है तो बस अनुभव, आत्मविश्वास और निरंतर अभ्यास की। उम्मीद की जानी चाहिए कि अगले मैचों में वह खुद को साबित करेंगे और इंटरनेशनल क्रिकेट में वही जोश दिखाएंगे जो उन्होंने घरेलू क्रिकेट में दिखाया है।