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Raza Murad: हीरो और विलेन दोनों में चमके, खलनायक से राजा हिंदुस्तानी तक उनके यादगार पल

बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता Raza Murad हिंदी सिनेमा के सबसे लोकप्रिय और डराने वाले खलनायकों में से एक रहे हैं। उनका जन्म 23 नवंबर 1950 को उत्तर प्रदेश के रामपुर में हुआ था। रज़ा मुराद ने मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों में काम किया है, लेकिन वे तेलुगु, पंजाबी और अन्य भाषाओं की फिल्मों के साथ-साथ हिंदी टेलीविजन में भी नजर आए हैं। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1972 में फिल्म “एक नजर” से की थी। उन्हें पहली बार बड़ी पहचान 1982 की राज कपूर फिल्म “प्रेम रोग” में मिली, जिसमें उन्होंने एक निर्दयी और खतरनाक खलनायक की भूमिका निभाई। इसके बाद उन्होंने “राम लक्ष्मण,” “खलनायक,” “बेटा,” “हीरो हसीना और कानून,” और “राजा हिंदुस्तानी” जैसी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीता।

खलनायक के साथ शक्तिशाली आवाज़ का जादू

Raza Murad की गहरी और प्रभावशाली आवाज़ उन्हें अन्य खलनायकों से अलग बनाती है। पुराने बॉलीवुड सितारों में आज भी जादू बरकरार है और रज़ा मुराद उनमें शामिल हैं। उनके अभिनय में हर किरदार—चाहे नायक हो या खलनायक—में जीवन की झलक दिखती थी। अमरीश पुरी, रंजीत, डैनी डेंजोंगपा, प्रेम चोपड़ा और तेज सप्सु जैसे महान खलनायकों के साथ रज़ा मुराद ने दर्शकों को अपनी छवि में हमेशा यादगार बनाया। वे अपने विशाल कद और डराने वाली उपस्थिति के साथ-साथ अपनी कमांडिंग आवाज़ के लिए भी प्रसिद्ध हैं। रज़ा मुराद प्रसिद्ध कलाकार मुराद साहब के पुत्र हैं और बचपन से ही फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े रहे, जिससे उनका फिल्मी सफर सहज रूप से शुरू हुआ।

 

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250 से अधिक फिल्मों में अदाकारी

रज़ा मुराद का करियर दशकों से फैला हुआ है और उन्होंने 250 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। उनके कुछ बेहतरीन प्रदर्शन “प्रेम रोग,” “हिना,” “राम तेरी गंगा मैली,” और “गुप्त” जैसी फिल्मों में देखे जा सकते हैं। उनकी गहरी बारीटोन आवाज़ और दमदार अभिनय शैली ने उन्हें बॉलीवुड के सबसे यादगार खलनायकों में शुमार किया। कुछ साल पहले उन्होंने “बाजीराव मस्तानी” और “पद्मावत” जैसी फिल्मों में भी अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया।

राजनीति में कभी कदम नहीं रखा

रज़ा मुराद ने राजनीति में कदम रखने का फैसला कभी नहीं किया। रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें कांग्रेस पार्टी से जुड़ने का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। वे केवल फिल्मों और अभिनय में ही सक्रिय रहे और दर्शकों को अपने अभिनय से मनोरंजन करते रहे। बॉलीवुड में खलनायक की भूमिका निभाने वाले रज़ा मुराद की गहरी आवाज़, शक्तिशाली अभिनय और प्रभावशाली उपस्थिति उन्हें भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा यादगार बनाएगी।

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