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Rajnath Singh का चेतावनी भरा बयान: अब युद्ध मिनट और सेकंड में मापा जाएगा, साइबर हमलों से देश खतरे में

रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने सोमवार को कहा कि आधुनिक युद्ध अब “महीनों में नहीं, बल्कि घंटों और सेकंड में मापा जाता है।” उपग्रह, ड्रोन और सेंसर युद्ध की प्रकृति को पूरी तरह बदल रहे हैं। उन्होंने भारतीय कोस्ट गार्ड (ICG) से आग्रह किया कि वह एक अग्रिम दृष्टिकोण वाली रोडमैप तैयार करे, जो नई चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाए, अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत करे और रणनीतियों को निरंतर अद्यतन करता रहे। उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध में केवल पारंपरिक हथियार ही नहीं, बल्कि तकनीक और तेजी से प्रतिक्रिया देने वाली प्रणाली निर्णायक भूमिका निभाती है।

साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध की चुनौती

राजनाथ सिंह ने 42वें ICG कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में कहा कि साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध अब केवल काल्पनिक खतरे नहीं हैं, बल्कि वर्तमान का वास्तविकता बन गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि कोई भी राष्ट्र हमारे सिस्टम को मिसाइल के माध्यम से नहीं, बल्कि हैकिंग, साइबर हमलों और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के जरिए निष्क्रिय करने की कोशिश कर सकता है। ऐसे में ICG को अपनी प्रशिक्षण प्रणाली और उपकरणों को लगातार अपग्रेड करना होगा। स्वचालित निगरानी नेटवर्क और एआई-सक्षम सिस्टम, प्रतिक्रिया समय को सेकंडों तक घटाने और हमेशा तैयार रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Rajnath Singh का चेतावनी भरा बयान: अब युद्ध मिनट और सेकंड में मापा जाएगा, साइबर हमलों से देश खतरे में

तकनीक-आधारित समुद्री सुरक्षा

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप जैसे द्वीपों के साथ, “विशाल चुनौतियां” प्रस्तुत करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि समुद्री खतरे अब तकनीक-आधारित और बहुआयामी हो गए हैं। आतंकवादी संगठन डिजिटल मैपिंग और रियल-टाइम इंटेलिजेंस जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके अपनी गतिविधियों की योजना बनाते हैं। उन्होंने कहा, “परंपरागत तरीके अब पर्याप्त नहीं हैं; हमें अपराधियों और विरोधियों से आगे रहने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग आधारित निगरानी, ड्रोन, साइबर सुरक्षा प्रणाली और स्वचालित प्रतिक्रिया तंत्र को अपने समुद्री सुरक्षा ढांचे में एकीकृत करना होगा।”

ICG: राष्ट्रीय सुरक्षा का स्तंभ

Rajnath Singh ने ICG को राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ICG की स्थापना के बाद से इसने 1,638 विदेशी जहाजों और 13,775 विदेशी मछुआरों को भारतीय जल क्षेत्र में अवैध गतिविधियों के लिए पकड़ लिया है। यह कॉन्फ्रेंस 28 से 30 सितंबर तक आयोजित की जा रही है, जो बदलती समुद्री सुरक्षा चुनौतियों और हिंद महासागर क्षेत्र की रणनीतिक महत्वता के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। मंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित कर्मियों के साथ 24 घंटे निगरानी ही भारत की समुद्री सुरक्षा की रीढ़ है।

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