Ragini Nayak: सिंदूर पर सियासत! कांग्रेस का मोदी सरकार पर करारा हमला, कांग्रेस ने उठाए कड़े सवाल

Ragini Nayak: कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने हाथ में सिंदूर दिखाया और कहा कि यह भारतीय महिला के लिए सात जन्मों के साथ का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सिंदूर विवाहिक सुख प्रेम और साथ का प्रतीक है और बीजेपी इसे अपनी राजनीतिक असफलता छुपाने के लिए इस्तेमाल कर रही है।
ऑपरेशन सिंदूर पर बीजेपी की योजना
मोदी सरकार ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को हर घर तक पहुंचाना चाहती है। इसके तहत बीजेपी नेता नौ जून से घर घर जाकर महिलाओं को सिंदूर बांटेंगे। यह वही दिन है जब नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। कांग्रेस ने इसे प्रचार की राजनीति कहा है।
सिंदूर का स्वरूप और उसका रंग भारत के अलग-अलग प्रांतों में अलग हो सकता है, लेकिन एक भारतीय सनातनी विवाहित महिला के लिए सिंदूर का क्या महत्व है और इसकी क्या पहचान है- मैं BJP और संघ के लोगों को समझाना चाहती हूं।
क्योंकि मुझे लगता है इन लोगों को सिंदूर का महत्व समझ नहीं आता।… pic.twitter.com/va7Sd1pqZG
— Congress (@INCIndia) May 29, 2025
कांग्रेस ने उठाए तीखे सवाल
कांग्रेस ने पूछा कि जो सिंदूर अजनबी देंगे उसे कौन लगाएगा और किसके लिए लगाएगा। भारतीय महिलाएं सिंदूर अपने पति और ससुराल से पाती हैं। उन्होंने पूछा कि बीजेपी और आरएसएस के नेता किस मुंह से उन महिलाओं को सिंदूर देंगे जिनके पति आतंकवादी हमलों में मारे गए या कोविड में जान गंवाई।
सिंदूर की असली अहमियत समझाई
रागिनी नायक ने कहा कि सिंदूर सिर्फ सजावट नहीं बल्कि सम्मान सौभाग्य प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्म की बात है कि मोदी सरकार सेना की बहादुरी का श्रेय लेने के लिए सिंदूर का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने इसे बीजेपी की सबसे घटिया राजनीति बताया।
नरेंद्र मोदी अगर घर-घर जाकर सिंदूर बांटना चाहते हैं, तो पहले हमारे कुछ सवालों के जवाब दें:
• पराए आदमियों द्वारा दिया गया ये 'सरकारी सिंदूर' किसके और किसलिए काम आएगा?
• क्या 'हिंदू धर्म के स्वघोषित ठेकेदार' नहीं जानते कि किसी हिंदू सनातनी विवाहित महिला की मांग में सिंदूर… pic.twitter.com/YnbN1mLted
— Congress (@INCIndia) May 29, 2025
मोदी सरकार पर गंभीर आरोप
कांग्रेस ने पूछा कि नोटबंदी में मरे 200 लोगों की विधवाओं का सिंदूर कौन लौटाएगा। कोविड में जलती चिताओं के बीच टूटी मांगों का गवाह कौन बनेगा। किसानों की विधवाओं और बेरोजगारी से आत्महत्या करने वालों की पत्नियों को सिंदूर देने बीजेपी क्या उनके घर जाएगी।