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Politics News: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य रंधीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा में नशाखोरी के बढ़ते संकट को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुरजेवाला ने कहा कि राज्य में नशा तस्करों और माफियाओं ने हरियाणा को “उड़ता हरियाणा” से बदलकर “उझड़ता हरियाणा” बना दिया है। उनका आरोप है कि ऐसे लोग सरकार और पुलिस की सुरक्षा का आनंद उठाते हुए खुलेआम नशा व्यापार कर रहे हैं।
सुरजेवाला ने व्यंग्य करते हुए कहा कि नशाखोरी का जहर अब हर गांव, हर शहर और हर घर की दीवारों तक पहुँच गया है। हरियाणा के युवा इस नशे की गिरफ्त में हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि माताएं भी इसके शिकार हो रही हैं। कई माताओं को मजबूरन अपने छह महीने के बच्चों को बेचने तक पर मजबूर होना पड़ रहा है। गांवों और शहरों में रोजाना सैकड़ों युवा नशे की अधिक मात्रा लेने के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं।
बढ़ती हत्याएँ और पारिवारिक त्रासदी
सुरजेवाला ने कहा कि स्थिति इतनी खराब है कि पिता अपने बेटे के शव के सामने रोते हैं और कहते हैं, “मेरा बेटा चला गया, अब दूसरों को बचाओ।” उन्होंने हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि राज्य के 860 कुख्यात नशा तस्करों में से 730 जेल के बाहर खुलेआम घूम रहे हैं।
सुरजेवाला ने यह भी कहा कि ये माफिया सरकार की नजर के सामने खुलेआम नशीले पदार्थ बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का दावा है कि 3,000 से अधिक गांव और 600 से अधिक वार्ड नशामुक्त हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि इन क्षेत्रों में नशा तस्कर खुलकर व्यापार कर रहे हैं।
सरकार की नाकामी और जिम्मेदारी
सुरजेवाला ने सरकार की नाकामी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उनका कहना है कि नशाखोरी के बढ़ते मामलों को रोकने में सरकार पूरी तरह विफल रही है। नशा माफियाओं और तस्करों को संरक्षण मिल रहा है, और इसके चलते युवा लगातार इसके शिकार हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह इस गंभीर समस्या को गंभीरता से लें और तुरंत प्रभावी कदम उठाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि युवा पीढ़ी की सुरक्षा और भविष्य खतरे में है। यदि इस पर तुरंत नियंत्रण नहीं पाया गया, तो न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के युवाओं के जीवन पर नकारात्मक असर पड़ेगा। सुरजेवाला ने आग्रह किया कि सरकार को न केवल कानून लागू करना चाहिए बल्कि सचेत होकर तस्करों और माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
नशाखोरी के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
सुरजेवाला ने कहा कि नशाखोरी केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी अत्यंत गंभीर है। नशा युवाओं को असफल बनाता है, परिवारों को टूटने पर मजबूर करता है और गांवों और शहरों में अपराध की घटनाओं को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार त्वरित और ठोस कदम नहीं उठाती, तो हरियाणा में नशाखोरी महामारी का रूप ले सकती है।
उन्होंने नागरिकों से भी अपील की कि वे नशाखोरी के खिलाफ जागरूकता फैलाएं और स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग करें। सुरजेवाला ने चेतावनी दी कि अगर नशा तस्करों पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो राज्य का युवा वर्ग और परिवार दोनों ही इससे गंभीर रूप से प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि यह समय केवल राजनीतिक बयानबाजी का नहीं है, बल्कि ठोस कार्रवाई का है।
