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PM Modi G20 Summit से लौटे दिल्ली, Johannesburg में कई विश्व नेताओं से की महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें

PM Modi G20 Summit: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के दौरे से वापस दिल्ली लौट आए हैं। पीएम मोदी यहां जॉहान्सबर्ग में आयोजित G20 समिट में भाग लेने गए थे। इस दौरान उन्होंने कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। पीएम मोदी ने अपने दौरे के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी, जापान की प्रधानमंत्री सानाए ताकाइची, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रोन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा समेत कई अन्य नेताओं से मुलाकात की। इस दौरे के दौरान भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को मजबूती देने और द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

PM मोदी ने G20 समिट को लेकर क्या कहा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जोहान्सबर्ग में सफल G20 समिट एक समृद्ध और स्थायी ग्रह के निर्माण में योगदान देगा। विश्व नेताओं के साथ मेरी बैठकें और चर्चाएं बहुत फलदायी रहीं और इससे भारत के विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी।” उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की जनता, राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और दक्षिण अफ्रीकी सरकार का भी समिट के आयोजन के लिए धन्यवाद किया। मोदी के अनुसार, यह समिट वैश्विक स्तर पर विकास, सहयोग और नई तकनीकी नीतियों पर सहमति बनाने का महत्वपूर्ण मंच था।

G20 समिट में PM मोदी के प्रस्ताव और विचार

G20 समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने वैश्विक स्तर पर AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने वैश्विक विकास के परिप्रेक्ष्यों पर गहन पुनर्विचार करने का आह्वान किया और ड्रग-टेररिज्म नेटवर्क से मुकाबले के लिए G20 पहल की पेशकश की। इसके साथ ही, उन्होंने एक वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया टीम बनाने का सुझाव दिया, जो महामारी और अन्य स्वास्थ्य आपदाओं के समय तुरंत प्रतिक्रिया कर सके। मोदी ने वैश्विक सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और तकनीकी नवाचारों पर भी जोर दिया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) सुधारों पर PM मोदी का बल

प्रधानमंत्री मोदी ने G20 समिट में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (IBSA) का त्रिपक्षीय मंच स्पष्ट संदेश भेजे कि वैश्विक संस्थाओं में बदलाव अब विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह रेखांकित किया कि वैश्विक संस्थाओं में सुधार और प्रतिनिधित्व को अधिक समावेशी और न्यायसंगत बनाना अब समय की मांग है। मोदी के इस प्रस्ताव से वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका और नेतृत्व की छवि मजबूत हुई है।

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