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Digital Gold खरीदने से पहले ज़रूर पढ़ें! SEBI की चेतावनी खोलती बड़ा राज़

Digital Gold में तेजी से बढ़ते निवेश को देखते हुए अब भारतीय बाजार नियामक SEBI ने निवेशकों को विशेष सावधानी बरतने की चेतावनी दी है। SEBI के चेयरमैन तুহिन कांत पांडे ने साफ कहा कि डिजिटल गोल्ड न तो किसी सुरक्षा (Security) की श्रेणी में आता है और न ही यह कमोडिटी डेरिवेटिव्स के दायरे में शामिल है। इसका मतलब यह है कि डिजिटल गोल्ड में निवेश करने वाले निवेशक किसी भी तरह की रेग्युलेटरी सुरक्षा से वंचित रहते हैं। यदि कोई प्लेटफॉर्म डिफॉल्ट कर जाए या बंद हो जाए, तो SEBI के पास आपकी रकम बचाने का कोई तरीका नहीं होता। ऐसे में डिजिटल गोल्ड में निवेश करते समय सतर्कता पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई है।

SEBI का बयान: निवेश से पहले पूरी जानकारी लें

नेशनल कॉन्क्लेव ऑन REITs एंड InvITs–2025 के दौरान तुहिन कांत पांडे ने बताया कि डिजिटल गोल्ड को रेग्युलेट करने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन फिलहाल SEBI का इस पूरे उद्योग पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने सलाह दी कि निवेशक किसी भी प्लेटफॉर्म पर डिजिटल गोल्ड खरीदने से पहले उसकी बैकएंड व्यवस्था, नियम—शर्तें और प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता को ध्यान से समझें। SEBI फिलहाल केवल गोल्ड ETFs और ट्रेडेबल गोल्ड सिक्योरिटीज को रेग्युलेट करता है, क्योंकि ये औपचारिक और सुरक्षित निवेश ढांचे के भीतर आते हैं। लेकिन डिजिटल गोल्ड पूरी तरह अलग श्रेणी में आता है, जहाँ जोखिम और अनिश्चितता कहीं अधिक है।

Digital Gold खरीदने से पहले ज़रूर पढ़ें! SEBI की चेतावनी खोलती बड़ा राज़

Digital Gold क्या होता है और कैसे काम करता है?

Digital Gold का अर्थ है—सोने का निवेश, लेकिन बिना सोना खरीदे। इसमें सोने की मात्रा सिर्फ डिजिटल रिकॉर्ड पर दिखती है, और इसे बेचने पर आपको पैसा मिलता है या कुछ प्लेटफॉर्म्स पर इसे फिजिकल गोल्ड में कन्वर्ट करवाया जा सकता है। भारत में Paytm, PhonePe, Google Pay, और कई फिनटेक कंपनियाँ डिजिटल गोल्ड खरीदने का विकल्प देती हैं, जहाँ निवेशक ₹1 से शुरू कर सकते हैं। पॉइंट यह है कि यह सोना किसी बैंक या SEBI-रेग्युलेटेड संस्था की निगरानी में नहीं होता। मार्केट आँकड़ों के अनुसार, 2021 में डिजिटल गोल्ड का बाजार ₹5,000 करोड़ का था, जो तेजी से बढ़कर आज लगभग ₹13,800 करोड़ तक पहुँच गया है। यह बढ़त दिखाती है कि लोग इसे आसान और सुलभ निवेश मानते हैं, लेकिन रेग्युलेशन की कमी इसे जोखिमभरा भी बना देती है।

बढ़ता बाजार, लेकिन सुरक्षा कितनी? निवेशक रहें सावधान

Digital Gold की लोकप्रियता भले ही बढ़ रही हो, लेकिन इसका सबसे बड़ा जोखिम यह है कि यदि प्लेटफॉर्म पर कोई धोखाधड़ी, तकनीकी खराबी या दिवालिया होने की स्थिति आती है, तो निवेशक की राशि खतरे में पड़ सकती है। न कोई रेग्युलेटर, न कोई बीमा—यानी आपका पैसा पूरी तरह प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता पर निर्भर करता है। SEBI की यह चेतावनी समय रहते आई है, ताकि लोग सिर्फ सुविधा देखकर निवेश न करें, बल्कि जोखिमों को भी समझें। यदि आप सुरक्षित गोल्ड निवेश चाहते हैं तो गोल्ड ETFs, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) या गोल्ड म्युचुअल फंड्स बेहतर विकल्प हो सकते हैं। कुल मिलाकर, डिजिटल गोल्ड एक सुविधाजनक लेकिन अनरेग्युलेटेड निवेश है—और इसमें कदम सोच-समझकर ही रखना चाहिए।

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