MS Dhoni Birthday : कैसे बना एक टीटीई क्रिकेट का ‘कैप्टन कूल’? धोनी की संघर्षभरी शुरुआत

MS Dhoni Birthday: महेंद्र सिंह धोनी का सफर झारखंड के छोटे से शहर रांची से शुरू हुआ। 18 साल की उम्र में उन्होंने सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड के लिए खेलना शुरू किया और जल्द ही रेलवे की टीम से जुड़े। वहां उन्हें स्पोर्ट्स कोटा के तहत टीटीई की नौकरी मिली। रेलवेज के लिए शानदार प्रदर्शन के बाद उनका चयन अंतरराष्ट्रीय टीम के लिए हुआ। धोनी की यह यात्रा आसान नहीं थी लेकिन उनकी मेहनत और धैर्य ने उन्हें क्रिकेट की ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
पहला मैच रन आउट और पाकिस्तान के खिलाफ धमाकेदार वापसी
धोनी ने 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जिसमें वह बिना खाता खोले रन आउट हो गए। लेकिन इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ 148 रनों की तूफानी पारी खेलकर उन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। इसके बाद श्रीलंका के खिलाफ 183 रनों की नाबाद पारी ने उन्हें एक विस्फोटक विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में पहचान दिलाई।
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कप्तान धोनी: T20, ODI और चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के हीरो
2007 में जब उन्हें T20 वर्ल्ड कप के लिए कप्तानी सौंपी गई तो उन्होंने पाकिस्तान को फाइनल में हराकर भारत को पहली बार खिताब दिलाया। इसके बाद 2011 में धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में 91 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को 28 साल बाद विश्व कप दिलाया। 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर उन्होंने ICC के तीनों बड़े टूर्नामेंट भारत की झोली में डाले।
IPL में चेन्नई सुपर किंग्स को पांच बार बनाया चैंपियन
धोनी की कप्तानी का जलवा सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ही नहीं बल्कि IPL में भी देखने को मिला। उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स को पांच बार खिताब जिताया। 42 साल की उम्र में भी धोनी IPL में खेलने उतरे और यह साबित किया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। फैंस उनके हर मैच का बेसब्री से इंतजार करते हैं और स्टेडियम धोनी-धोनी के नारों से गूंज उठता है।
अंतरराष्ट्रीय करियर का समापन भी एक रन आउट से
धोनी का अंतरराष्ट्रीय करियर जिस तरह से शुरू हुआ था उसी तरह खत्म भी हुआ। 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ धोनी रन आउट हो गए और भारत हार गया। अगस्त 2020 में उन्होंने चुपचाप संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया। धोनी ने 90 टेस्ट में 4876 रन, 350 वनडे में 10773 रन और 98 टी20 में 1617 रन बनाए। उनकी शांत कप्तानी और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें हर दिल अज़ीज बना दिया।