Mount Kubera glacier break: बद्रीनाथ के पास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ा, प्रशासन और आपदा टीमों ने अलर्ट जारी

Mount Kubera glacier break: उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आई है। बद्रीनाथ के पास कंचन गंगा नदी के ऊपर स्थित माउंट कुबेर (Kuber Bhandar Glacier) से एक बड़ा ग्लेशियर टूटकर नदी में गिर गया। इस घटना से आसपास के लोगों में आशंका और डर फैल गया। स्थानीय लोग ग्लेशियर टूटने की आवाज़ और पानी के अचानक बढ़े हुए प्रवाह को देखकर डर गए।
घटना के बाद कंचन गंगा नदी में जल प्रवाह अचानक बढ़ गया, जिससे आसपास के इलाके में सतर्कता बढ़ गई। हालांकि, अब तक किसी प्रकार का कोई हानि या दुर्घटना की सूचना नहीं है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें हर समय अलर्ट पर हैं।
कोई नुकसान नहीं हुआ
यह पूरा घटना चमोली जिले में घटित हुई। शुक्रवार सुबह कुवेर भंडार ग्लेशियर से एवलांच (Avalanche) हुआ, जो कंचन गंगा नदी के ऊपरी हिस्सों तक पहुँच गया। जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि यह एवलांच बद्रीनाथ नेशनल हाइवे से कई सौ मीटर ऊपर ही समाप्त हो गया और किसी का जीवन या संपत्ति प्रभावित नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं के लिए जाना जाता है और ग्लेशियर टूटना यहाँ सामान्य प्राकृतिक घटना मानी जाती है। अधिकारी ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने और सतर्क रहने की अपील की।

तेज आवाज के साथ ग्लेशियर गिरा
स्थानीय लोगों ने बताया कि कुवेर भंडार ग्लेशियर का एक हिस्सा तेज आवाज के साथ गिरा। इसके चलते वहां मौजूद तीर्थयात्रियों में रोमांच और डर दोनों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी गई। मना गांव के पूर्व प्रमुख पिताम्बर सिंह मोल्फा ने कहा कि हिमालय के ऊपरी हिस्सों में बर्फ से ढके पर्वतों से एवलांच होना आम बात है।
मोल्फा ने यह भी बताया कि कंचनजंगा क्षेत्र में ग्लेशियर का पिघलना और टूटना नियमित रूप से होता रहता है और तीर्थयात्रियों को यह दृश्य देखने को मिलता है। उन्होंने लोगों से कहा कि इसे प्राकृतिक घटना के रूप में देखा जाना चाहिए और घबराने की जरूरत नहीं है।
घटना का वीडियो हुआ वायरल
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ग्लेशियर टूटने की पूरी घटना कैद है। स्थानीय लोगों ने इसे फिल्माया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि कैसे ग्लेशियर का एक बड़ा हिस्सा नदी में गिरते ही पानी का प्रवाह अचानक बढ़ा देता है।
इस घटना ने न केवल तीर्थयात्रियों को हैरान किया, बल्कि पर्यावरण और हिमालयीय भूगोल में ग्लेशियर की स्थिरता के महत्व पर भी ध्यान आकर्षित किया। प्रशासन ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह तैयार हैं और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
