Manisha Koirala का परिवार नेपाल की सत्ता से जुड़ा, दादा थे पहले प्रधानमंत्री, अब अभिनेत्री ने जताया बड़ा संकेत

Manisha Koirala: पिछले मंगलवार नेपाल में जो घटनाक्रम हुआ, उसने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। पहली बार इतनी आक्रामक तरीके से जनरेशन-ज़ी (Gen Z) ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की। यह प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। अब तक इन प्रदर्शनों में 15 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक 12 साल का बच्चा भी शामिल है। नेपाल की सड़कों पर हिंसा और प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया कि युवाओं में सरकार के खिलाफ गहरा असंतोष है।
मनीषा कोईराला का समर्थन और राजनीतिक जुड़ाव
नेपाल मूल की बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोईराला ने भी इन प्रदर्शनों के समर्थन में खुलकर अपनी बात रखी। बहुत कम लोग जानते हैं कि मनीषा कोईराला के दादा नेपाल के पहले निर्वाचित प्रधानमंत्री बने थे। इस राजनीतिक पृष्ठभूमि के चलते मनीषा नेपाल की राजनीति और उसके उतार-चढ़ाव को गहराई से समझती हैं। करीब तीन महीने पहले ही उन्होंने संकेत दिए थे कि नेपाल की राजनीति में असंतोष की लहर चल रही है और जनता का धैर्य जवाब दे सकता है।
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तीन महीने पहले ही जताई थी चिंता
मनीषा ने पत्रकार मनीष तिवारी से बातचीत में नेपाल की लोकतांत्रिक यात्रा को लेकर अपनी राय जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि नेपाल में लोकतंत्र इसलिए सफल नहीं हो पा रहा क्योंकि हर नया नेता अपने पूर्ववर्ती की नीतियों को बदल देता है। उन्होंने लोकतंत्र का समर्थन करते हुए यह भी कहा था कि नेपाल में स्थिरता बनाए रखने के लिए राजशाही की आवश्यकता है। मनीषा ने स्पष्ट शब्दों में कहा था, “मुझे अपने देश से बेहद प्रेम है, लेकिन यहां सम्मान और स्थिरता की कमी है। हमें सिर्फ सरकारें ही नहीं, बल्कि संस्थाओं को भी नए सिरे से बनाना होगा।” यह बयान आज की परिस्थिति में बेहद प्रासंगिक हो गया है।
‘ब्लैक डे’ कहा नेपाल का हालात
नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद मनीषा कोईराला ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा किया। उन्होंने खून से सने जूते की तस्वीर डालते हुए लिखा, “आज नेपाल के लिए एक काला दिन है। जब भ्रष्टाचार और न्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले लोगों पर गोलियां चलाई जाती हैं, तो यह लोकतंत्र पर गहरा धब्बा है।” मनीषा की इस पोस्ट पर उनके प्रशंसकों ने उन्हें ढांढस बंधाया और नेपाल की स्थिति पर चिंता जताई। मनीषा का यह कदम साबित करता है कि भले ही वे बॉलीवुड में सक्रिय हों, लेकिन अपने देश की राजनीति और वहां के लोगों की पीड़ा से कभी दूर नहीं रहीं।
