Karun Nair का धमाका! रणजी ट्रॉफी में 174 रन की नाबाद पारी से टीम इंडिया में वापसी की दस्तक

Karun Nair: जब टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है, तब भारत में रणजी ट्रॉफी का रोमांच चरम पर है। कई खिलाड़ी जो इस दौरे का हिस्सा नहीं हैं, वे घरेलू क्रिकेट में अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। इन्हीं में से एक नाम है करुण नायर का, जिन्होंने शानदार शतक जमाकर सबका ध्यान खींच लिया है। करुण नायर ने सिर्फ शतक ही नहीं ठोका बल्कि एक बड़ी और नाबाद पारी खेली है।
ट्रिपल सेंचुरी से मिली थी पहचान
करुण नायर का नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास में उन चुनिंदा बल्लेबाज़ों में शामिल है जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाया है। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 303 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी। लेकिन इस तिहरे शतक के बाद उनका बल्ला खामोश हो गया और उन्हें जल्द ही टीम से बाहर कर दिया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्होंने लगातार अच्छा खेल दिखाया।

इंग्लैंड सीरीज़ में नहीं चला बल्ला
करीब आठ साल बाद करुण नायर को फिर से मौका मिला जब उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में टीम इंडिया में जगह दी गई। यह उनके लिए करियर पुनर्जीवित करने का सुनहरा अवसर था लेकिन अफसोस कि वे इसका फायदा नहीं उठा सके। पांच मैचों की सीरीज़ में खेले गए चार मैचों में उन्होंने सिर्फ एक बार अर्धशतक बनाया। आखिरी टेस्ट में उन्होंने 57 रन बनाए और फिर टीम से बाहर कर दिए गए। यह झटका उनके लिए बड़ा था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
रणजी ट्रॉफी में नाबाद 174 रन की पारी
करुण नायर ने रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक की ओर से शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए 174 रन की नाबाद पारी खेली है। उन्होंने 267 गेंदों का सामना किया जिसमें 14 चौके और 3 छक्के लगाए। उनकी यह पारी दिखाती है कि वह अभी भी बड़े स्कोर खेलने की क्षमता रखते हैं। यह फॉर्म उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला साबित हुआ है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या चयनकर्ता उन्हें दोबारा राष्ट्रीय टीम में मौका देंगे।
टीम इंडिया में वापसी की उम्मीद या आखिरी मौका
अब बड़ा सवाल यही है कि क्या करुण नायर की यह शानदार पारी उन्हें फिर से टीम इंडिया में जगह दिला पाएगी। नवंबर में भारत का दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलनी है। टीम की घोषणा अभी बाकी है। अगर चयनकर्ता उन्हें नजरअंदाज़ करते हैं तो शायद यह उनकी अंतरराष्ट्रीय उम्मीदों का अंत हो सकता है। लेकिन जिस तरह करुण नायर ने घरेलू क्रिकेट में अपनी दृढ़ता दिखाई है, उसने यह जरूर साबित कर दिया है कि उनका क्रिकेट अभी खत्म नहीं हुआ है।
