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Jagannath Rath Yatra 2025: शुभकामनाओं की बारिश में भीगे भक्त! राष्ट्रपति से लेकर पीएम मोदी तक ने रथ यात्रा पर दिया संदेश

Jagannath Rath Yatra 2025: : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के शुभारंभ पर देश और विदेश में बसे सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा, “पवित्र रथ यात्रा के अवसर पर भगवान श्री जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, माता सुभद्रा और चक्रराज सुदर्शन के रथ पर दर्शन से करोड़ों श्रद्धालु दिव्य आनंद की अनुभूति करते हैं।” यह पर्व न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई को भी दर्शाता है।

राष्ट्रपति ने की शांति और सद्भावना की प्रार्थना

राष्ट्रपति मुर्मू ने रथ यात्रा को केवल एक धार्मिक आयोजन न मानते हुए, इसे वैश्विक शांति और मानवता के लिए एक प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि भगवान की लीला ही इस यात्रा की विशेषता है। इस पावन अवसर पर उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि संसार में शांति, मित्रता और सद्भाव का प्रसार हो। उनका संदेश इस बात की याद दिलाता है कि रथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक चल समारोह नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक चेतना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने दी रथ यात्रा की शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने X पर एक वीडियो साझा किया और लिखा, “भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी शुभकामनाएं। यह आस्था और भक्ति का पवित्र उत्सव सभी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लाए। जय जगन्नाथ!” प्रधानमंत्री का यह संदेश पूरे देश में सकारात्मक ऊर्जा और भक्ति का संचार करता है।

अमित शाह ने बताया आस्था और संस्कृति का संगम

गृह मंत्री अमित शाह ने भी रथ यात्रा के अवसर पर अपने शुभकामना संदेश में इस पर्व को आस्था और संस्कृति का अनूठा संगम बताया। उन्होंने X पर लिखा, “श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा आस्था और भक्ति का अद्वितीय संगम है, जो हमें भक्ति, संस्कृति और विरासत को संजोते हुए आगे बढ़ने का संदेश देती है।” उन्होंने महाप्रभु जगन्नाथ, वीर बलभद्र और माता सुभद्रा से सभी के कल्याण और प्रगति की कामना की। उनका संदेश संस्कृति से जुड़े मूल्यों को सहेजने की प्रेरणा देता है।

रथ यात्रा का ऐतिहासिक महत्व और भक्ति का संदेश

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा भारत के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसका केंद्र ओडिशा का पुरी शहर है। इस यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा विशेष रथों पर सवार होकर नगर भ्रमण करते हैं। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु खींचते हैं रथों की रस्सियां, जिसे बहुत पुण्यकारी माना जाता है। यह यात्रा न केवल धार्मिक भावना को जगाती है, बल्कि भाईचारे, समानता और एकता का संदेश भी देती है।

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