Infosys का बड़ा कदम: क्या शेयरबैक से निवेशकों की जेब में आएगा करोड़ों का फायदा? जानिए तारीख और प्लान

भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी Infosys अपने शेयरों का बायबैक कर सकती है। कंपनी की बोर्ड बैठक 11 सितंबर 2025 को होगी, जिसमें इन्फोसिस के इक्विटी शेयरों के बायबैक प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। इस योजना की जानकारी कंपनी ने कल बाजार बंद होने के बाद दी। सोमवार को एनएसई पर इन्फोसिस का शेयर 1,436.10 रुपये पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 8.50 रुपये या 0.59% कम था। शेयर बायबैक का उद्देश्य और प्रक्रिया आम निवेशकों के लिए समझना बेहद जरूरी है।
शेयर बायबैक क्या है?
शेयर बायबैक उस प्रक्रिया को कहा जाता है, जब कोई कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों से अपने ही शेयर खरीदती है। इस प्रक्रिया से खुले बाजार में कुल शेयरों की संख्या कम हो जाती है। इस प्रक्रिया के दो मुख्य फायदे होते हैं। पहला, कंपनी अपने शेयर को बाजार की वर्तमान कीमत से अधिक कीमत पर खरीदती है, जिससे शेयरधारकों को तुरंत लाभ होता है। दूसरा, बचे हुए शेयरों की कीमत आमतौर पर बढ़ जाती है क्योंकि शेयरों की संख्या कम होने से उनकी अहमियत बढ़ जाती है। इस तरह शेयरधारकों को दो तरीकों से फायदा होता है।
Infosys के शेयरों में गिरावट और बायबैक की पृष्ठभूमि
Infosys का शेयर बायबैक का प्रस्ताव कंपनी के खराब स्टॉक प्रदर्शन के बीच आया है। पिछले एक साल में इन्फोसिस के शेयर लगभग 25% गिर चुके हैं, जबकि 2025 में अब तक यह 24% तक लुढ़क चुका है। वैश्विक चुनौतियों के बीच पूरे आईटी सेक्टर का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है और इन्फोसिस की प्रदर्शन स्थिति भी इसी के अनुरूप रही है। इस स्थिति में शेयर बायबैक प्रस्ताव कंपनी के लिए निवेशकों का भरोसा बनाए रखने और शेयर मूल्य को स्थिर करने का एक तरीका माना जा रहा है।
पिछले बायबैक का अनुभव और संभावित लाभ
यदि यह बायबैक प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है, तो यह इन्फोसिस का 2022 के बाद पहला बायबैक होगा। तीन साल पहले कंपनी ने 9,300 करोड़ रुपये के बायबैक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें न्यूनतम बायबैक मूल्य 1,850 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था। उस समय निवेशकों को अच्छे लाभ और शेयर मूल्य में सुधार देखने को मिला था। इस बार भी निवेशकों को उम्मीद है कि बायबैक से शेयरधारकों को लाभ मिलेगा और इन्फोसिस के शेयर का बाजार में विश्वास मजबूत होगा।