IND vs ENG: 203 रन का ऐतिहासिक संयोग! जडेजा-सुंदर ने मैनचेस्टर में फिर से पलटा इतिहास का पन्ना

IND vs ENG: मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया चौथा टेस्ट मैच बेहद रोमांचक रहा, लेकिन आखिरकार यह बिना किसी नतीजे के ड्रॉ समाप्त हुआ। इंग्लैंड ने इस मुकाबले को जीतने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन भारत के रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की शानदार शतकीय पारियों ने मेज़बानों की सारी रणनीतियों पर पानी फेर दिया। इन दोनों बल्लेबाज़ों ने पांचवें विकेट के लिए 203 रनों की साझेदारी की, जिसने न सिर्फ भारत को हार से बचाया, बल्कि मैच का रुख भी पूरी तरह बदल दिया।
89 साल पुराना इतिहास दोहराया गया
इस मैच में सबसे खास बात यह रही कि जडेजा और सुंदर की 203 रनों की साझेदारी ने 89 साल पुराना इतिहास दोहरा दिया। वर्ष 1936 में भी इसी मैनचेस्टर के मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच एक टेस्ट मैच खेला गया था। उस समय भारत के दिग्गज बल्लेबाज़ विजय मर्चेंट और सैयद मुश्ताक अली ने तीसरी पारी में शतक लगाते हुए 203 रनों की साझेदारी की थी। हैरानी की बात यह है कि वह मैच भी जुलाई के अंतिम सप्ताह में खेला गया था और वही मैच भी ड्रॉ रहा था।
अब जुलाई 2025 में, एक बार फिर वही मैदान, वही टीम, वही स्कोर और वही परिणाम। जडेजा और सुंदर ने न सिर्फ शतक लगाए, बल्कि एक समान साझेदारी कर के क्रिकेट इतिहास में एक अनोखा संयोग रच दिया। यह सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं बल्कि समय, स्थान और स्कोर के साथ एक दुर्लभ दोहराव बन गया है।
जडेजा और सुंदर ने इंग्लैंड की रणनीति की तोड़ी कमर
इंग्लैंड इस मैच में जीत के साथ सीरीज़ में अजेय बढ़त हासिल करना चाहता था, लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ों की धैर्य और दृढ़ता ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इंग्लैंड ने मैच के पहले हिस्से में दबदबा बनाए रखा था, लेकिन जैसे ही जडेजा और सुंदर क्रीज पर आए, उन्होंने पूरा खेल पलट दिया। जडेजा ने अपने टेस्ट करियर का पांचवां शतक लगाया, जबकि सुंदर ने भी इंग्लिश गेंदबाज़ों के सामने डटकर खेलते हुए शतक पूरा किया। दोनों ने मिलकर न सिर्फ विकेट बचाए, बल्कि इंग्लैंड की जीत की संभावना भी खत्म कर दी।
सीरीज़ में इंग्लैंड की बढ़त कायम, भारत ने दिखाई वापसी की झलक
इस मुकाबले के ड्रॉ होने से इंग्लैंड की सीरीज़ में 2-1 की बढ़त कायम रही, लेकिन भारत ने यह संकेत दे दिया है कि वह वापसी करने में पूरी तरह सक्षम है। मैनचेस्टर टेस्ट से पहले तक जहां इंग्लैंड का पलड़ा भारी नजर आ रहा था, वहीं अब भारतीय टीम का आत्मविश्वास फिर से लौटता दिख रहा है। जडेजा और सुंदर की यह साझेदारी न सिर्फ आंकड़ों में याद रखी जाएगी, बल्कि यह भविष्य में भारतीय टीम की मानसिक दृढ़ता और जुझारूपन का प्रतीक भी बन चुकी है।