IND vs ENG: गौतम गंभीर की कोचिंग में फिर हार, इंग्लैंड में सीरीज बचाने की आखिरी जंग में फंसी टीम इंडिया

IND vs ENG: भारतीय क्रिकेट टीम की युवा ब्रिगेड ने कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर इंग्लैंड का डटकर सामना किया, लेकिन टीम को तीसरे टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही इंग्लैंड ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है और भारत पर सीरीज गंवाने का खतरा मंडरा रहा है। मैच में कई बार ऐसा लगा कि भारतीय टीम वापसी कर लेगी, लेकिन अहम मौकों पर विकेट गंवाने और गेंदबाजों के द्वारा लगातार दबाव न बना पाने के कारण टीम को हार झेलनी पड़ी। लॉर्ड्स जैसे ऐतिहासिक मैदान पर हार ने भारतीय फैंस को भी निराश कर दिया है, जिन्होंने इस युवा टीम से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की थी।
टेस्ट क्रिकेट में गौतम गंभीर की कोचिंग पर उठे सवाल
टीम इंडिया ने गौतम गंभीर की कोचिंग में सीमित ओवरों के क्रिकेट में कई अहम उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में लगातार मिल रही असफलताओं ने गंभीर की कोचिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत ने गंभीर की कोचिंग में अब तक 13 टेस्ट खेले हैं, जिनमें से 8 में हार का सामना करना पड़ा है, जबकि सिर्फ 4 में जीत मिली है और 1 टेस्ट ड्रॉ रहा है। भारत को घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड से 0-3 से हार झेलनी पड़ी थी, जो 12 वर्षों में पहली घरेलू टेस्ट सीरीज हार थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत को 1-3 से हार झेलनी पड़ी। अब इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में भारत को पहले टेस्ट में लीड्स में हार मिली, जबकि एडबस्टन में जीत कर भारत ने सीरीज में वापसी की थी, लेकिन लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट में मिली हार ने एक बार फिर टेस्ट क्रिकेट में गंभीर की रणनीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Mohammed Siraj in Tears 😲 as England 🏴 beat India 🇮🇳 by 22 runs at Lord's 🏟️
~ Now, tell me honestly, who is responsible for India's defeat today 🤔 #INDvsENG pic.twitter.com/5KHSyOUCQC
— Richard Kettleborough (@RichKettle07) July 14, 2025
भारत के लिए चुनौती, बचाना होगा सीरीज
इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की इस सीरीज में अब सिर्फ दो टेस्ट मैच बचे हैं और भारत के सामने सीरीज बचाने की चुनौती है। अगला यानी चौथा टेस्ट मैच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में 23 जुलाई से खेला जाएगा। इसके बाद अंतिम और पांचवां टेस्ट मैच 31 जुलाई से लंदन के ओवल मैदान पर खेला जाएगा। यदि भारत को यह सीरीज जीतनी है, तो दोनों मैच जीतने होंगे, जबकि सीरीज ड्रॉ कराने के लिए भारत को एक मैच जीतने के साथ एक मैच ड्रॉ कराना होगा। इंग्लैंड की तेज पिचों पर भारतीय बल्लेबाजी क्रम की परीक्षा होगी, वहीं गेंदबाजों को अधिक अनुशासन के साथ गेंदबाजी करनी होगी ताकि विपक्षी टीम पर दबाव बनाया जा सके। यदि भारत इन दोनों मैचों में मजबूत वापसी करता है, तो गंभीर की कोचिंग में टेस्ट में उम्मीद की किरण दिखाई दे सकती है, अन्यथा BCCI गंभीर के भविष्य पर विचार कर सकता है।
टीम संयोजन और मानसिकता में सुधार की आवश्यकता
भारतीय टीम की हार का बड़ा कारण खराब बल्लेबाजी संयोजन, विदेशी पिचों पर मध्यक्रम की असफलता और कप्तानी में अनुभव की कमी रही है। शुभमन गिल एक युवा और उभरते हुए कप्तान हैं, लेकिन उन्हें इंग्लैंड जैसी परिस्थितियों में दबाव में फैसले लेने की कला सीखनी होगी। साथ ही, कोच गौतम गंभीर को भी टेस्ट मैचों में खिलाड़ियों की मानसिकता को मजबूत करने पर ध्यान देना होगा ताकि टीम विपरीत परिस्थितियों में भी डटकर मुकाबला कर सके। गेंदबाजी में विविधता लाना, स्पिन और पेस अटैक का सही तालमेल बैठाना और निचले क्रम से रन निकालना भारत की जीत की कुंजी साबित हो सकती है। अब देखना होगा कि भारत ओल्ड ट्रैफर्ड और ओवल में किस तरह की रणनीति के साथ मैदान पर उतरता है और क्या यह युवा टीम इतिहास रचने में कामयाब हो पाती है या नहीं।