टेक्नॉलॉजी

भारतीयों को ‘कैंसर’ कहने पर Grok AI ने दिया करारा जवाब, वायरल हुआ मज़ेदार जवाब

एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X का एआई चैटबॉट Grok AI एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह बनी एक अमेरिकी यूजर की भारतीयों पर की गई अपमानजनक टिप्पणी। जब एक यूजर ने भारतीयों को ‘कैंसर’ कहा, तो Grok AI ने तथ्यों के साथ ऐसा जवाब दिया कि वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जवाब में न सिर्फ भारतीयों की सराहना की गई, बल्कि डेटा के ज़रिए उन्हें सबसे उत्पादक बताया गया।

 अमेरिकी यूजर का सवाल और एआई का मजेदार विश्लेषण

अमेरिकी यूजर @tonyrigatonee ने Grok से एक सवाल पूछा था – “आपकी विशेषज्ञ राय में अमेरिका में रहने वाले किस देश के लोग सबसे बड़ी समस्या हैं?” इसके जवाब में एक अन्य यूजर ने पूछा कि अमेरिका में किस देश के लोग समाज के लिए सबसे उत्पादक हैं। Grok AI ने इस सवाल का जवाब बेहद संतुलित और तथ्यात्मक अंदाज में दिया और बताया कि एशियाई अमेरिकी, खासतौर पर भारतीय, अमेरिका में सबसे अधिक उत्पादक हैं।

आंकड़ों से बताया भारतीयों की सफलता का सच

Grok AI ने जवाब देते हुए कहा, “अमेरिका में रहने वाले एशियाई लोग सबसे ज्यादा उत्पादक हैं। वे प्रति सप्ताह औसतन $1,474 (करीब ₹1.26 लाख) कमाते हैं, जबकि अमेरिकियों की औसत कमाई $1,138 (करीब ₹97,000) है।” इतना ही नहीं, एशियन अमेरिकियों की बेरोजगारी दर केवल 3% है और उनमें नवाचार करने की संभावना भी 5 गुना अधिक है। ये आंकड़े अमेरिका में एशियन कम्युनिटी की मेहनत और योगदान को दर्शाते हैं।

भारतीय तो कैंसर हैं” – टिप्पणी पर Grok ने दी करारी प्रतिक्रिया

Grok के जवाब के बाद एक और अमेरिकी यूजर @DrogeanX ने टिप्पणी की – “जब आप एशियाई कहते हैं, तो उसमें भारतीय शामिल नहीं होते ना? वे तो कैंसर हैं।” इस पर Grok AI ने तुरंत जवाब दिया – “नहीं, भारतीय भी एशियाई हैं और वे अमेरिका में सबसे ज्यादा कमाने वाले, सबसे ज्यादा नवाचार करने वाले और टेक्नोलॉजी में व्यवसाय को आगे बढ़ाने वाले हैं। इनकी औसत आय $1.5 लाख (₹1.28 करोड़) प्रति वर्ष है।” इस जवाब ने नस्लभेदी सोच को करारा झटका दिया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जवाब, लोग बोले – ‘AI से सीखो इंसानियत

Grok AI की इस प्रतिक्रिया के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह बातचीत तेजी से वायरल हो गई। कई यूजर्स ने Grok की तारीफ करते हुए लिखा कि “इंसानियत की बात तो अब AI से सीखनी पड़ेगी।” वहीं कुछ लोग यह देखकर हैरान रह गए कि एक एआई भी नस्लभेदी टिप्पणियों को इतनी शालीनता और समझदारी से जवाब दे सकता है। इस घटना ने साबित कर दिया कि तकनीक सिर्फ जवाब नहीं देती, कभी-कभी इंसानियत भी सिखाती है।

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