टेक्नॉलॉजी

Google का बड़ा धमाका! अब फोन पर आते ही पता चलेगा—कॉल असली या धोखाधड़ी?

भारत में तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन फ्रॉड, खासतौर पर UPI और डिजिटल पेमेंट से जुड़े घोटालों को रोकने के लिए Google एक नया सुरक्षा फीचर लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। कंपनी का कहना है कि अब जल्द ही जब भी कोई यूज़र कॉल पर होगा, स्क्रीन शेयर कर रहा होगा या कोई फाइनेंशियल ऐप खुला होगा, तो फोन स्क्रीन पर एक तुरंत चेतावनी (पॉप-अप अलर्ट) दिखाई देगी। यह अलर्ट बताएगा कि कॉल संदिग्ध हो सकती है और यूज़र एक टैप में कॉल व स्क्रीन शेयरिंग—दोनों को बंद कर सकता है। इस फीचर का उद्देश्य है कि यूज़र गलती से ठगों को अपनी निजी जानकारी न सौंप दें।

Google Pay, Paytm, Navi पर फीचर की टेस्टिंग शुरू

गूगल ने इस नए सुरक्षा फीचर की पायलट टेस्टिंग भारत में शुरू कर दी है। Google Pay, Paytm और Navi जैसी ऐप्स को प्राथमिकता दी गई है क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स में फ्रॉड के केस ज्यादा सामने आते हैं। अक्सर स्कैमर्स वीडियो कॉल या स्क्रीन शेयरिंग के बहाने लोगों से OTP, UPI पिन और बैंकिंग डिटेल्स निकलवा लेते हैं। अब यह अलर्ट सिस्टम स्मार्टफोन को ही फ्रॉड डिटेक्शन टूल में बदल देगा, ताकि यूज़र स्क्रीन शेयर करते समय तुरंत समझ जाए कि सामने वाला व्यक्ति स्कैमर हो सकता है। गूगल का मानना है कि शुरुआती चेतावनी देने से हजारों लोगों के साथ होने वाला ऑनलाइन फ्रॉड रोका जा सकता है।

Google का बड़ा धमाका! अब फोन पर आते ही पता चलेगा—कॉल असली या धोखाधड़ी?

पिक्सल यूज़र्स के लिए रियल-टाइम स्कैम डिटेक्शन फीचर

गूगल ने एक और महत्वपूर्ण फीचर की घोषणा की है, जो सबसे पहले Pixel फोन यूज़र्स के लिए उपलब्ध होगा। यह फोन कॉल के दौरान रियल-टाइम में संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाएगा। खास बात यह है कि यह फीचर न कॉल को रिकॉर्ड करेगा और न ही बातचीत को ट्रांसक्राइब करेगा—यानि प्राइवेसी बिल्कुल सुरक्षित रहेगी। यह फीचर केवल अनजान नंबरों पर काम करेगा और कॉल के दोनों पक्षों को एक बीप की आवाज़ से सूचित भी करेगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे। यह फीचर उन स्थितियों में बेहद उपयोगी होगा जब स्कैमर किसी सरकारी अधिकारी, बैंक कर्मचारी या कंपनी प्रतिनिधि के रूप में यूज़र को धोखा देने की कोशिश करते हैं।

OTP का अंत? ePNV तकनीक से और मजबूत होगी सुरक्षा

गूगल एक और बड़ी तकनीक—ePNV (Enhanced Phone Number Verification)—पर काम कर रहा है, जो पारंपरिक SMS OTP सिस्टम की जगह ले सकती है। यह तकनीक सिम-आधारित ऑथेंटिकेशन का उपयोग करेगी, जिसमें यूज़र का नंबर सीधे डिवाइस से ही वेरीफाई हो जाएगा। इससे न सिर्फ लॉगिन और पेमेंट प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि OTP इंटरसेप्शन जैसे फ्रॉड भी कम होंगे। कंपनी इसे भारत में अपने पार्टनर्स के साथ मिलकर टेस्ट कर रही है। गूगल के VP ऑफ प्राइवेसी, सेफ्टी और सिक्योरिटी इवान कोत्सोविनोस ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था है, इसलिए यहां पर AI-आधारित सुरक्षा तकनीकें विकसित करना बेहद जरूरी है। उनका कहना है कि जब सुरक्षा सिस्टम फोन के अंदर ही चलते हैं, तो स्कैमर के लिए यूज़र को निशाना बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

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