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Gavaskar ने बताया- पीएम मोदी से पहली बार कहां मिले थे, जुड़ा मुकेश अंबानी का घर

Gavaskar: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 75 वर्ष के हो गए। इस अवसर पर राजनीति, फिल्म और खेल जगत से लेकर समाज के विभिन्न वर्गों ने उन्हें शुभकामनाएँ दीं। हर तरफ से प्रधानमंत्री को दी जा रही बधाइयों के बीच महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने एक विशेष स्मृति साझा की। उन्होंने बताया कि उनकी प्रधानमंत्री मोदी से पहली मुलाकात मुकेश अंबानी के घर पर हुई थी। दरअसल, यह मुलाकात एच.एच. रिलायंस अस्पताल के उद्घाटन समारोह के दौरान हुई थी।

“गावस्कर जी, आप कैसे हैं?” – पीएम मोदी का भावुक क्षण

सुनील गावस्कर ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि उनकी पहली मुलाकात आज भी उनके दिल में बसी हुई है। उन्होंने कहा, “मैं उस दिन दूसरी पंक्ति में पीछे खड़ा था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे देखा और folded hands के साथ कहा – ‘गावस्कर जी, आप कैसे हैं?’ यह क्षण मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक था।” गावस्कर ने कहा कि उस छोटे से व्यवहार ने उन्हें गहराई तक छू लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि वे कामना करते हैं कि मोदी जी का विकसित भारत का सपना तय समय से पहले पूरा हो।

मेरी बात याद रखी – गावस्कर की खास याद

गावस्कर ने एक और किस्सा याद करते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से एक बार व्यक्तिगत मुलाकात का अनुरोध किया था। उस समय मोदी जी महान क्रिकेटरों के साथ फोटोशूट कराने वाले थे। उसी दौरान गावस्कर ने उनसे मिलने की इच्छा जताई। प्रधानमंत्री ने बिना किसी हिचक के इस अनुरोध को स्वीकार किया। दो-तीन हफ्तों बाद खुद प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें कॉल आया और मुलाकात तय हुई। गावस्कर ने भावुक होकर कहा, “देश का प्रधानमंत्री, जिसके पास अनेकों ज़िम्मेदारियाँ होती हैं, उसने मेरी बात याद रखी। यह मेरे लिए अविस्मरणीय अनुभव है।”

क्रिकेट और राजनीति का अनोखा संगम

प्रधानमंत्री मोदी और सुनील गावस्कर के इन अनुभवों ने यह दर्शाया कि नेताओं और खिलाड़ियों के बीच पारस्परिक सम्मान किस प्रकार प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। गावस्कर जैसे दिग्गज क्रिकेटर की भावनाएँ बताती हैं कि प्रधानमंत्री न केवल बड़े पद पर आसीन हैं बल्कि व्यक्तिगत संबंधों और मानवीय संवेदनाओं को भी उतनी ही अहमियत देते हैं। मोदी के 75वें जन्मदिन पर साझा की गई यह कहानी उनके व्यक्तित्व का वह पहलू सामने लाती है जो आमतौर पर जनता की नज़रों से परे रहता है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि एक महान नेता अपने व्यस्ततम जीवन में भी लोगों की भावनाओं और छोटे अनुरोधों को याद रख सकता है।

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