Foxconn भारत में बढ़ा रहा उत्पादन, नई बेंगलुरु फैक्ट्री से iPhone असेंबली को मिलेगा बड़ा सपोर्ट

हाल ही में यह खबर आई थी कि Foxconn ने अपनी भारतीय फैक्ट्री से 300 इंजीनियर्स को चीन वापस बुलाया है। इस खबर के बाद अफवाहें उड़ीं कि Apple उत्पादों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। लेकिन भारतीय अधिकारी एस. कृष्णन ने कहा कि यह केवल कुछ कर्मचारियों का रिटर्न था और इससे Foxconn के भारत ऑपरेशन्स पर कोई खास असर नहीं पड़ा। कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में चीन से आए कर्मचारियों को केवल असेंबली में मदद के लिए काम पर बुलाया है।
नई बेंगलुरु फैक्ट्री की तैयारी
एस. कृष्णन ने ताइपे में एक ट्रेड फेयर के दौरान बताया कि Foxconn की चेन्नई में पहले से ही एक फैक्ट्री है और अब कंपनी बेंगलुरु में नई फैक्ट्री खोलने की तैयारी कर रही है। यह कदम कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और भारत में iPhone असेंबली को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नई फैक्ट्री खुलने के बाद भारत Apple उत्पादों का प्रमुख निर्माण केंद्र बन सकता है।
iPhone उत्पादन और अमेरिकी टैरिफ का असर
Foxconn और Apple पिछले कुछ वर्षों से भारत में iPhone उत्पादन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन से आयातित सामान पर लगाए गए टैरिफ के प्रभाव को कम करना है। हालांकि, वर्तमान में बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच व्यापार समझौते की बातचीत के कारण टैरिफ फिलहाल स्थगित है। भारत में उत्पादन बढ़ाने से Apple को अमेरिकी बाजार में कीमतों में स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
भारत-चीन संबंधों का प्रासंगिक प्रभाव
2020 में भारत और चीन के बीच हिमालयी सीमा पर सैन्य संघर्ष के बाद भारत ने चीनी निवेश पर कुछ प्रतिबंध लगाए और कई लोकप्रिय चीनी ऐप्स पर बैन लगाया। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के संबंध धीरे-धीरे सुधर रहे हैं। अगस्त 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक ने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश सहयोग की दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं।
भविष्य की संभावनाएँ और निवेश आकर्षण
Foxconn की नई बेंगलुरु फैक्ट्री और भारत में उत्पादन विस्तार से देश में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह कदम भारत को वैश्विक तकनीकी आपूर्ति श्रृंखला में मजबूत स्थिति देने में मदद करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में iPhone असेंबली बढ़ने से देश स्मार्टफोन उत्पादन में चीन पर निर्भरता कम कर सकता है और भारतीय आईटी उद्योग को नई गति मिलेगी।