Donald Trump and PM Modi ties: US-India संबंधों में उम्मीद की किरण, Trump और Modi ने जताई व्यक्तिगत दोस्ती और रिश्तों की मजबूती

Donald Trump and PM Modi ties: संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत मित्रता और द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती को दोहराते हुए संबंधों में सुधार की दिशा में पहला कदम उठाया है। यह कदम व्यापार समझौते और रूसी तेल को लेकर पैदा हुई दूरी को पाटने का प्रयास माना जा रहा है। दोनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच विशेष संबंध हमेशा मजबूत रहेंगे और द्विपक्षीय हितों के लिए एक साझा मंच तैयार किया जाएगा।
मोदी और ट्रंप की मित्रता पर भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप के उस बयान का स्वागत किया, जिसमें ट्रंप ने कहा कि वे हमेशा मोदी के मित्र रहेंगे और भारत-अमेरिका विशेष संबंध को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही दोनों देशों के अधिकारी मिलकर ऐसा व्यापार समझौता तैयार करेंगे, जो दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी यह स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के साथ संबंधों को बहुत महत्व देते हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि वे भारत को चीन के प्रभाव में जाने नहीं देंगे।
Deeply appreciate and fully reciprocate President Trump's sentiments and positive assessment of our ties.
India and the US have a very positive and forward-looking Comprehensive and Global Strategic Partnership.@realDonaldTrump @POTUS https://t.co/4hLo9wBpeF
— Narendra Modi (@narendramodi) September 6, 2025
द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की उम्मीद
दोनों नेताओं द्वारा सकारात्मक संकेत दिए जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका की भारत के खिलाफ कड़ी बयानबाजी रुक जाएगी या कम हो जाएगी। यह संभावना है कि दोनों नेता फोन पर बातचीत करेंगे और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश देंगे कि वे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करें। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ फोन बातचीत के बाद X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हम राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की पूरी तरह सराहना करते हैं और उनका समर्थन करते हैं। भारत और अमेरिका के बीच अत्यंत सकारात्मक और दूरदर्शी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।”
सुरक्षा और व्यापार मामलों पर चर्चा
केंद्र सरकार यह मान रही थी कि अमेरिका की नकारात्मक बयानबाजी का प्रभाव धीरे-धीरे कम होगा और ट्रंप भारत को चीन के करीब मानना बंद करेंगे। भारत ने चीन के साथ सामान्य संबंधों को पुनः स्थापित किया है और रूस के साथ संवाद जारी रखा है। अमेरिका ने यह स्पष्ट किया कि व्यापार विवाद केवल एक मामूली बाधा है और द्विपक्षीय संबंध सामान्य रूप से आगे बढ़ेंगे। हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अमेरिका दौरे और अमेरिकी खुफिया एवं कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक के दौरान सुरक्षा मामलों पर भी चर्चा हुई, जिससे यह संदेश मिला कि दोनों देशों के संबंधों में सुधार के अवसर हैं।