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Delhi Premier League Final: नितीश राणा का धमाका, वेस्ट दिल्ली लायंस बने चैंपियन, लगातार तीसरी पारी में रचा कमाल

Delhi Premier League Final 2025 का दूसरा सीज़न वेस्ट दिल्ली लायंस के नाम रहा। कप्तान नितीश राणा की शानदार बल्लेबाज़ी की बदौलत टीम ने फाइनल में सेंट्रल दिल्ली किंग्स को 6 विकेट से हराया। राणा ने लगातार तीसरी बार बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को खिताब जिताया और फाइनल का बेस्ट प्लेयर अवॉर्ड अपने नाम किया। दूसरी ओर, युगल सैनी और प्रांशु विजयरन ने अर्धशतक जमाकर सेंट्रल दिल्ली को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुँचाया, लेकिन गेंदबाज़ टीम को जीत दिलाने में नाकाम रहे।

सेंट्रल दिल्ली ने दिया 174 रनों का लक्ष्य

फाइनल मुकाबले में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए सेंट्रल दिल्ली की शुरुआत खराब रही। मात्र 78 रनों पर टीम ने अपने 6 विकेट गंवा दिए। हालांकि, इसके बाद युगल सैनी (65 रन, 48 गेंद, 3 छक्के, 4 चौके) और प्रांशु विजयरन (50 रन, 24 गेंद, 4 छक्के, 3 चौके) ने 78 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की। दोनों बल्लेबाज़ों की इस जोड़ी ने टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया और निर्धारित 20 ओवर में 173 रन बनाए। लेकिन गेंदबाज़ी विभाग में सेंट्रल दिल्ली पूरी तरह विफल रही।

नितीश राणा की करिश्माई पारी

लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्ट दिल्ली लायंस की शुरुआत लड़खड़ा गई। टीम ने 48 रनों तक अपने 3 विकेट खो दिए थे। लेकिन इसके बाद कप्तान नितीश राणा ने मोर्चा संभाला। उन्होंने 49 गेंदों पर नाबाद 79 रन बनाए, जिसमें 7 छक्के और 4 चौके शामिल थे। उनके साथ ऋतिक शौकीन ने भी 27 गेंदों पर 42 रन की तेज़ पारी खेली। दोनों खिलाड़ियों की साझेदारी ने टीम को मज़बूती दी और वेस्ट दिल्ली ने मात्र 18 ओवर में 174 रन बनाकर खिताब अपने नाम किया।

लगातार तीसरी पारी में दिखाया दम

इस फाइनल से पहले भी नितीश राणा का बल्ला खूब चला था। उन्होंने एलिमिनेटर मैच में दक्षिण दिल्ली के खिलाफ 134 रन बनाए थे और क्वालिफायर-2 में 45 रनों की पारी खेली थी। अब फाइनल में भी उन्होंने एक और यादगार पारी खेली और अपनी कप्तानी में टीम को विजेता बना दिया। राणा का यह लगातार तीसरा धमाकेदार प्रदर्शन उनके शानदार फॉर्म और मैच जिताऊ क्षमता को दर्शाता है।

सेंट्रल दिल्ली की हार, लेकिन युगल-प्रांशु की चमक

हालांकि फाइनल में सेंट्रल दिल्ली किंग्स को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन युगल सैनी और प्रांशु विजयरन की बल्लेबाज़ी ने सबका ध्यान खींचा। जब टीम मुश्किल हालात में थी, तब इन दोनों खिलाड़ियों ने मोर्चा संभाला और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया। यदि ये दोनों खिलाड़ी इतनी शानदार पारी न खेलते, तो हार और भी बड़ी हो सकती थी। लेकिन अंततः गेंदबाज़ों की नाकामी ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया और खिताब वेस्ट दिल्ली लायंस के नाम हो गया।

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