Coldrif Cough Syrup कांड! 24 बच्चों की मौत के बाद एमआर सतीश वर्मा गिरफ्तार, खुल सकते हैं बड़े राज

Coldrif Cough Syrup: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और बैतूल जिलों में 24 मासूम बच्चों की मौत ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। जांच में खुलासा हुआ कि ये मौतें ‘कोल्डरिफ कफ सिरप’ पीने के बाद हुईं। अब इस मामले ने बड़ा रूप ले लिया है और पुलिस ने जांच की रफ्तार तेज कर दी है। रविवार को पुलिस ने कोल्डरिफ कंपनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव सतीश वर्मा को उसके घर से हिरासत में ले लिया।
सतीश वर्मा की गिरफ्तारी से खुल सकते हैं कई राज़
छिंदवाड़ा के कुकड़ा जगत इलाके से गिरफ्तार किए गए सतीश वर्मा से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर प्रवीण सोनी से हुई पूछताछ के बाद ही सतीश का नाम सामने आया। पुलिस को उम्मीद है कि इस मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव से पूछताछ के बाद सिरप सप्लाई चेन और इसके निर्माण में हुई गड़बड़ियों के बड़े सुराग मिल सकते हैं।

डॉक्टर प्रवीण सोनी की भूमिका पर सवाल
इस मामले में डॉक्टर प्रवीण सोनी की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। वे वर्तमान में जमानत की कोशिश में हैं और सोमवार को परासिया की स्थानीय अदालत में पेश किए जाएंगे। डॉक्टर सोनी पर आरोप है कि उन्होंने बिना जांचे-परखे इस सिरप को बच्चों को देने की सलाह दी थी। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या डॉक्टर और फार्मा कंपनी के बीच कोई गुप्त लेन-देन हुआ था।
जेल में बंद हैं पांच मुख्य आरोपी
कोल्डरिफ कांड में पांच मुख्य आरोपी इस समय छिंदवाड़ा जिला जेल में बंद हैं। इनमें स्रिसन फार्मास्यूटिकल्स के मालिक जी. रंगनाथन, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी, के. महेश्वरी (केमिकल एनालिस्ट), सौरभ जैन (फार्मासिस्ट) और राजेश सोनी (ड्रग सप्लायर) शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि ये सभी आरोपी बच्चों की मौत के जिम्मेदार हैं और इनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाए जा रहे हैं।
जनता में गुस्सा और प्रशासन की सख्ती
इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया है। लोगों का कहना है कि फार्मा कंपनियों की लापरवाही और सरकारी नियंत्रण की कमी के कारण मासूम जानें गईं। सरकार ने मामले की गंभीरता देखते हुए जांच दल गठित कर दिया है और राज्य स्तर पर दवाओं की जांच प्रक्रिया को भी कड़ा करने की तैयारी की जा रही है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को सजा मिलेगी।
