सावधान! Mamona Ransomware इंटरनेट के बिना भी हमला करता है, जानिए कैसे बचाएं अपने डेटा को इस वायरस से

Mamona Ransomware: आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा की चुनौतियाँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में एक नया और बेहद खतरनाक रैनसमवेयर सामने आया है, जिसका नाम है मैमोना रैनसमवेयर। यह सामान्य रैनसमवेयर से काफी अलग है क्योंकि यह बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी हमला कर सकता है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि मैमोना सिस्टम फाइलों को ऑनलाइन कमांड के बिना लॉक करता है और अपने साक्ष्य भी मिटा देता है, जिससे इसे पहचानना और भी कठिन हो जाता है।
यह रैनसमवेयर खास तौर पर इस बात के लिए खतरनाक है कि यह पारंपरिक साइबर हमलों की तरह इंटरनेट से नियंत्रित नहीं होता, बल्कि यह ऑफलाइन भी काम करता है। इस कारण से, उन कंप्यूटरों और सिस्टमों को भी खतरा रहता है जो पूरी तरह इंटरनेट से कटे हुए होते हैं, जिन्हें एयर-गैप्ड सिस्टम कहा जाता है।
मैमोना कैसे काम करता है और फैलता है?
मैमोना रैनसमवेयर अन्य रैनसमवेयर से भिन्न तरीके से काम करता है। यह विंडोज़ के पिंग कमांड का दुरुपयोग करके स्थानीय रूप से एन्क्रिप्शन कीज बनाता है। इस प्रक्रिया में यह बिना किसी बाहरी सर्वर से कनेक्ट हुए फाइलों को लॉक कर देता है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ निहार पाठारे के अनुसार, “मैमोना जैसे रैनसमवेयर साबित कर रहे हैं कि अब ऑफलाइन सिस्टम भी सुरक्षित नहीं रहे। ये खतरनाक सॉफ्टवेयर नेटवर्क मॉनिटरिंग को चकमा देकर आसानी से घुसपैठ कर सकते हैं।”
मैमोना अधिकतर यूएसबी ड्राइव या एक्सटर्नल हार्ड डिस्क जैसे भौतिक उपकरणों के माध्यम से फैलता है। जब कोई यूजर संक्रमित डिवाइस को अपने कंप्यूटर से जोड़ता है, तो यह रैनसमवेयर अपने आप एक्टिवेट हो जाता है। यह अक्सर छुपी हुई फाइलें, ऑटो-रन स्क्रिप्ट्स या ऐसे कोड का उपयोग करता है जो एंटीवायरस को धोखा दे देते हैं। इस वजह से, पूरी तरह से इंटरनेट से अलग सिस्टम भी सुरक्षित नहीं रह पाते।
मैमोना के सक्रिय होने पर क्या होता है?
जब मैमोना सिस्टम में सक्रिय हो जाता है, तो यह अपने आप एन्क्रिप्शन कीज बनाता है और स्क्रीन पर या एक टेक्स्ट फाइल के रूप में रैंसम नोट दिखाता है। इस नोट में उपयोगकर्ता को कहा जाता है कि वह किसी अन्य डिवाइस जैसे मोबाइल या लैपटॉप से हमलावर से संपर्क करें। कई बार इसमें QR कोड स्कैन करने या ईमेल भेजने की मांग भी होती है।
इस प्रकार का हमला न केवल सिस्टम को असमर्थ कर देता है बल्कि महत्वपूर्ण डाटा भी बंदी बना लेता है। चूंकि यह ऑफलाइन काम करता है, इसलिए पारंपरिक इंटरनेट आधारित सुरक्षा उपाय इसे पहचानने और रोकने में असमर्थ रहते हैं। इसके अलावा, ऑफलाइन सिस्टम अक्सर पुराने सॉफ्टवेयर पर चलते हैं, जिससे सुरक्षा और कमजोर हो जाती है।
मैमोना जैसे खतरों से बचाव के उपाय
मैमोना और इसी प्रकार के अन्य रैनसमवेयर हमलों से बचने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाना बेहद जरूरी है। सबसे पहला कदम है अनजान या संदिग्ध यूएसबी और अन्य भौतिक उपकरणों का उपयोग न करना। हमेशा विश्वसनीय स्रोत से ही उपकरण प्राप्त करें और जांच-पड़ताल के बाद ही उसे कंप्यूटर से कनेक्ट करें।
दूसरा, ऐसा एंटीवायरस इस्तेमाल करें जो ऑफलाइन मोड में भी सक्रिय रहकर आपके सिस्टम की सुरक्षा कर सके। साथ ही, अपने सभी सिस्टम और सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करते रहें ताकि उनमें मौजूद कमजोरियां दूर हों।
तीसरा, महत्वपूर्ण डाटा का ऑफलाइन बैकअप रखें ताकि किसी भी अप्रत्याशित हमले की स्थिति में आपका डाटा सुरक्षित रहे। यदि आपकी फाइलों के नाम बदलने लगे, दस्तावेज़ नहीं खुलें या स्क्रीन पर अजीब संदेश दिखें, तो इसे खतरे की चेतावनी समझें।
अंत में, कर्मचारियों और परिवार के सदस्यों को भी भौतिक उपकरणों से जुड़े खतरों के बारे में प्रशिक्षित करें और उन्हें बताएँ कि संदिग्ध गतिविधि दिखाई देने पर तुरंत इसे कैसे रिपोर्ट करें। इस तरह की जागरूकता से ही साइबर अपराधों से बचा जा सकता है।