Online Gaming पर बैन को लेकर बैंकों ने RBI से मांगी गाइडलाइन, आपके पैसे पर पड़ेगा असर?

Online Gaming: केंद्र सरकार ने हाल ही में ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने ‘ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन एंड रेगुलेशन एक्ट’ के तहत ऐसे सभी गेम्स पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इस कदम के पीछे लगातार बढ़ रही आत्महत्या की घटनाएं और लोगों के भारी आर्थिक नुकसान की शिकायतें हैं।
बैंकों और कंपनियों ने मांगी गाइडलाइन
शुक्रवार को वित्तीय सेवाओं के विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की बैठक में बैंकों और वित्तीय सेवा कंपनियों ने रिज़र्व बैंक से स्पष्ट गाइडलाइन मांगी। उनका कहना है कि बैन को लागू करने से पहले उन्हें कुछ समय और चाहिए ताकि वे अपने सिस्टम को बेहतर बना सकें और नियमों का पालन कर सकें।
बैंकों को नहीं मिलेगी मनी ट्रांसफर की अनुमति
नए कानून के तहत बैंक और वित्तीय कंपनियां ऑनलाइन मनी गेमिंग से जुड़े किसी भी प्रकार के लेन-देन की अनुमति नहीं देंगी। साथ ही विज्ञापनों पर भी रोक होगी। बैठक में ट्रांज़िशन पीरियड और संभावित चुनौतियों पर चर्चा हुई। सभी ने इस पर अमल करने की सहमति दी लेकिन साथ ही समय और गाइडलाइन की मांग भी रखी।
नियम तोड़ने पर जेल और भारी जुर्माना
अगर कोई कंपनी या व्यक्ति इस कानून का उल्लंघन करता है तो उसे सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा। विज्ञापन करने पर दो साल की जेल और 50 लाख रुपये जुर्माना होगा। वहीं अगर कोई मनी ट्रांजैक्शन को आसान बनाता है तो तीन साल की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
बड़ी चुनौती विदेशी प्लेटफॉर्म्स को रोकना
सरकार के फैसले के बाद देश की प्रमुख ऑनलाइन मनी गेमिंग कंपनियों ने अपनी सेवाएं बंद करने का ऐलान कर दिया है। लेकिन असली चुनौती विदेशी ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग प्लेटफॉर्म्स को रोकने की है। अनुमान है कि देश के करीब 45 करोड़ लोगों ने पिछले एक साल में 20 हजार करोड़ रुपये गंवाए हैं।