Anmol Bishnoi की Patiala कोर्ट में पेशी, 11 दिन NIA कस्टडी, जानिए कहां रहेगा और किससे होगा टकराव

भारतीय जांच एजेंसी एनआईए ने अंडरवर्ल्ड डॉन लॉरेंस बिश्नोई के भाई Anmol Bishnoi को भारत में लाया है। अनमोल बिश्नोई को दिल्ली की पटियाला कोर्ट में पेश किया गया, और अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि उन्हें कहां रखा जाएगा। क्या उन्हें अपने बड़े भाई लॉरेंस बिश्नोई के साथ साबरमती जेल में रखा जाएगा या फिर दिल्ली की तिहाड़ जेल में? दोनों के भारत में कई दुश्मन हैं, लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि उनके सबसे बड़े दुश्मन कौन हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने एनआईए की 15 दिन की रिमांड की मांग के बावजूद अनमोल को 11 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
लॉरेंस बिश्नोई के सबसे बड़े दुश्मन
अनमोल और लॉरेंस बिश्नोई के सबसे बड़े दुश्मन अब गोल्डी ब्रार (पंजाब निवासी) और रोहित गोदारा (राजस्थान निवासी) बन चुके हैं। हाल ही में दुबई में लॉरेंस बिश्नोई गैंग द्वारा एक वित्तीय कारोबारी की हत्या ने साबित कर दिया कि दोनों गैंग विदेशों में भी अपराध की लंबी श्रृंखला को अंजाम दे रहे हैं और एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं। ऐसे में अनमोल बिश्नोई का भारत तक का रास्ता आसान नहीं होगा। उनके आने के बाद उनकी सुरक्षा और जेल में रखने का स्थान चुनना एक बड़ी चुनौती होगी।

दोनों दुश्मन अलग-अलग जेलों में बंद
भारत में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कई दुश्मन, खासकर प्रतिद्वंदी गैंग, लगातार लॉरेंस गैंग के सदस्यों और प्रमुख गैंगस्टरों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर, प्रमुख गैंगस्टर और उनके सहयोगी देशभर की विभिन्न जेलों में बंद हैं, जिनमें तिहाड़ जेल (दिल्ली), राजस्थान, पंजाब, हरियाणा की कई जेलें और मुंबई की जेलें शामिल हैं। इस कारण अनमोल बिश्नोई की सुरक्षा और उन्हें किस जेल में रखा जाएगा, यह मुद्दा अत्यंत संवेदनशील है।
अनमोल बिश्नोई की अगली दिशा
बताया जा रहा है कि पुलिस हिरासत में विभिन्न राज्यों में समय बिताने के बाद, जब अनमोल बिश्नोई को जेल में भेजा जाएगा, तो सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि क्या वह अपने बड़े भाई लॉरेंस के साथ गुजरात की साबरमती जेल में रहेंगे या एशिया की सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल में। अनमोल बिश्नोई हाल ही में पटियाला कोर्ट पहुंचे हैं, और उनकी अगली यात्रा और जेल में स्थान उनके और गैंग के अन्य सदस्यों की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भारत में उनके आने के बाद पुलिस और एनआईए के लिए यह सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण होगा कि उन्हें सुरक्षित रखा जाए और किसी भी प्रतिद्वंद्वी गैंग की साजिश को रोका जा सके।
