Air Purifier: सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण से बचाव का जरिया, सही एयर प्यूरीफायर कैसे चुनें

Air Purifier: सर्दियों की शुरुआत के साथ ही देश के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता तेजी से गिरने लगती है। खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर जैसे इलाकों में स्मॉग इतना गाढ़ा हो जाता है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में घरों में एयर प्यूरीफायर (Air Purifier) अब एक ज़रूरत बन चुका है, खासकर उन परिवारों के लिए जहां छोटे बच्चे या बुजुर्ग रहते हैं। लेकिन सही एयर प्यूरीफायर चुनना आसान नहीं है। गलत मॉडल खरीदने से न सिर्फ पैसा बर्बाद होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए, एयर प्यूरीफायर खरीदने से पहले कुछ ज़रूरी बातों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है।
ट्रू HEPA फ़िल्टर और CADR रेटिंग पर ध्यान दें
एयर प्यूरीफायर का सबसे अहम हिस्सा उसका HEPA फ़िल्टर होता है। हमेशा ऐसा मॉडल चुनें जिसमें True HEPA Filter (H13 या H14 रेटेड) हो। यह हवा में मौजूद 99.97% तक हानिकारक कणों — जैसे धूल, धुआं, परागकण और PM2.5 — को फ़िल्टर कर देता है। इसके अलावा, CADR (Clean Air Delivery Rate) भी बेहद ज़रूरी पैरामीटर है। यह बताता है कि प्यूरीफायर आपके कमरे की हवा कितनी तेजी से साफ कर सकता है। भारत जैसे प्रदूषित देशों में, हमेशा ऐसा प्यूरीफायर चुनें जिसका CADR आपके कमरे के आकार (क्यूबिक मीटर प्रति घंटा) के बराबर या उससे अधिक हो। इससे आपका कमरा जल्द ही प्रदूषण-मुक्त हो जाएगा।
कमरे के आकार और फ़िल्टर रिप्लेसमेंट को ध्यान में रखें
हर एयर प्यूरीफायर की अपनी एक कवरेज कैपेसिटी होती है, यानी वह कितने बड़े क्षेत्र की हवा साफ कर सकता है। अगर आपका कमरा 200 वर्ग फुट का है, तो कम से कम 250 वर्ग फुट तक कवरेज देने वाला मॉडल लें। इससे हवा जल्दी और समान रूप से साफ होगी। इसके साथ ही, ध्यान रखें कि प्यूरीफायर के फ़िल्टर को हर 6 से 12 महीनों में बदलना पड़ता है। कुछ प्रीमियम मॉडल्स में यह अवधि और लंबी भी हो सकती है। इसलिए खरीदने से पहले यह ज़रूर जांचें कि आपके चुने हुए मॉडल के फ़िल्टर आसानी से मिलते हैं या नहीं और उनकी कीमत क्या है। कई विदेशी ब्रांड्स के फ़िल्टर महंगे या उपलब्ध नहीं होते, जिससे आगे परेशानी हो सकती है।

शांत संचालन और स्मार्ट फीचर्स वाले मॉडल को प्राथमिकता दें
आजकल के आधुनिक एयर प्यूरीफायर में कई स्मार्ट फीचर्स आते हैं, जैसे PM2.5 इंडिकेटर, ऑटो मोड, और लो नॉइज़ लेवल। ऐसे मॉडल खासतौर पर बेडरूम या ऑफिस के लिए बेहतर रहते हैं। साथ ही, कुछ प्यूरीफायर अब Alexa या Google Assistant के साथ भी कनेक्ट हो जाते हैं, जिससे आप उन्हें वॉइस कमांड या मोबाइल ऐप से नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अलावा, ऊर्जा बचाने वाले मॉडल चुनें जो कम बिजली खपत करें और जिनके फ़िल्टर को आसानी से साफ किया जा सके। ऐसा करने से न केवल बिजली की बचत होगी, बल्कि प्यूरीफायर की उम्र और परफॉर्मेंस दोनों बढ़ेंगे।
स्वच्छ हवा, स्वस्थ जीवन का आधार
आज के प्रदूषित वातावरण में एयर प्यूरीफायर कोई विलासिता नहीं, बल्कि एक ज़रूरत बन चुका है। सही मॉडल चुनकर आप अपने परिवार को दूषित हवा के खतरों से बचा सकते हैं। यह न केवल बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि आपके लिए भी राहत की सांस लेकर आने वाला उपकरण है। याद रखें — स्वच्छ हवा ही स्वस्थ जीवन का आधार है। इसलिए इस सर्दी अपने घर में एक प्रभावी एयर प्यूरीफायर ज़रूर लगाएं और हर सांस के साथ महसूस करें ताज़गी और सुकून।
