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Air India flight AI2455 तिरुवनंतपुरम से दिल्ली जाते समय चेन्नई पहुंची, तकनीकी खराबी और मौसम वजह

रविवार रात तिरुवनंतपुरम से दिल्ली आ रही Air India flight AI2455 को अचानक चेन्नई एयरपोर्ट की ओर मोड़ना पड़ा। एयरलाइन ने इसकी वजह विमान में आई तकनीकी खराबी और रास्ते में खराब मौसम को बताया। एयरबस A320 विमान ने रात करीब 8 बजे तिरुवनंतपुरम से उड़ान भरी और करीब 10:35 बजे चेन्नई पहुंचा। उड़ान में कुल सैकड़ों यात्री सवार थे, जिनमें 5 सांसद—केसी वेणुगोपाल, कोडिक्कुन्निल सुरेश, अडूर प्रकाश, के. राधाकृष्णन और रॉबर्ट ब्रूस—भी दिल्ली जा रहे थे। यह घटना यात्रियों के लिए बेहद तनावपूर्ण रही और इसे एक बड़ी दुर्घटना से बाल-बाल बचने की तरह बताया जा रहा है।

सांसद केसी वेणुगोपाल का बयान: तीन घंटे की भयावह स्थिति

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करके बताया कि यह घटना कितनी डरावनी थी। उनके मुताबिक, उड़ान पहले ही देरी से शुरू हुई और टेकऑफ़ के थोड़ी देर बाद ही विमान में तेज़ झटके (तूफ़ानी हवाओं के कारण) महसूस होने लगे। लगभग एक घंटे बाद कप्तान ने घोषणा की कि विमान में सिग्नल फेल्योर हो गया है और इसे चेन्नई की ओर मोड़ा जा रहा है। चेन्नई एयरपोर्ट के ऊपर विमान लगभग दो घंटे तक चक्कर लगाता रहा। पहले लैंडिंग प्रयास में एक डरावना पल आया, जब यह पता चला कि रनवे पर पहले से एक और विमान मौजूद है। कप्तान ने तुरंत विमान को ऊपर उठाया और दूसरी कोशिश में सुरक्षित लैंडिंग कराई। वेणुगोपाल ने कहा कि पायलट की सूझबूझ और किस्मत से सभी की जान बच गई। उन्होंने DGCA और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से तत्काल जांच और जिम्मेदारी तय करने की मांग की, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।

एयर इंडिया का स्पष्टीकरण: ATC के निर्देश पर ‘गो-अराउंड’

केसी वेणुगोपाल के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए एयर इंडिया ने सफाई दी कि उड़ान को चेन्नई की ओर मोड़ने का फैसला पूरी तरह एहतियात के तौर पर लिया गया था, क्योंकि विमान में तकनीकी समस्या के साथ-साथ मौसम की स्थिति भी अनुकूल नहीं थी। कंपनी ने कहा कि चेन्नई एयरपोर्ट पर पहले लैंडिंग प्रयास के दौरान, वहां के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने ‘गो-अराउंड’ का निर्देश दिया था, यानी लैंडिंग को रोककर फिर से चक्कर लगाने को कहा गया। एयर इंडिया ने यह भी स्पष्ट किया कि रनवे पर किसी अन्य विमान के मौजूद होने की वजह से यह निर्णय नहीं लिया गया, बल्कि यह पूरी तरह ATC के निर्देश और सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत किया गया था।

जांच की मांग और सुरक्षा पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर से भारत में हवाई यात्रा की सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सांसद केसी वेणुगोपाल और अन्य यात्रियों का कहना है कि विमान में तकनीकी खराबी के बावजूद यात्रियों को लंबे समय तक हवा में रखने से उनका डर और बढ़ गया। उन्होंने मांग की कि DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच करे, तकनीकी खराबी के सही कारणों का पता लगाए और संबंधित जिम्मेदारों पर कार्रवाई करे। साथ ही, मौसम संबंधी परिस्थितियों में पायलट और एयरलाइन के निर्णय लेने की प्रक्रिया को और पारदर्शी और सख्त बनाने की जरूरत है। यात्रियों का मानना है कि सुरक्षा को कभी भी किस्मत के भरोसे नहीं छोड़ा जाना चाहिए, बल्कि हर उड़ान में उच्चतम मानकों का पालन होना चाहिए।

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