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Kerala University में विवाद की नई लहर! राज्यपाल की मौजूदगी में हुआ बवाल

Kerala University में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में ‘भारत माता’ की भगवा ध्वज वाली तस्वीर लगाए जाने से विवाद खड़ा हो गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर बतौर अतिथि शामिल हुए थे। छात्रों और संगठनों ने इस आयोजन को भगवाकरण की कोशिश बताया और इसका विरोध शुरू कर दिया। सबसे ज्यादा विवाद तब हुआ जब विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने कार्यक्रम की अनुमति रद्द करने का आदेश जारी किया।

रजिस्ट्रार को किया गया निलंबित, वीसी पर लगा आरोप

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मोहनन कुनुम्मल ने रजिस्ट्रार केएस अनिल कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। आरोप है कि रजिस्ट्रार ने कार्यक्रम शुरू होने के बाद इसकी अनुमति रद्द की, जबकि राज्यपाल पहले ही मंच पर उपस्थित थे। हालांकि रजिस्ट्रार का दावा है कि उन्होंने अनुमति रद्द करने की सूचना राज्यपाल के आने से पहले ही दी थी और उनके पास इसका सबूत भी मौजूद है। वे इस निलंबन को अदालत में चुनौती देने की तैयारी में हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री और लेफ्ट सिंडिकेट का कुलपति पर निशाना

राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु ने कुलपति के इस निर्णय की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कुलपति के पास रजिस्ट्रार को निलंबित करने का अधिकार नहीं है और यह फैसला पूरी तरह से ‘शक्तियों का दुरुपयोग’ है। मंत्री ने आरोप लगाया कि डॉ. कुनुम्मल को RSS के प्रति निष्ठा जताने के बाद ही कार्यकारी कुलपति बनाया गया और अब वह अपनी सीमाएं लांघ रही हैं। लेफ्ट सिंडिकेट के सदस्यों ने भी इस कार्रवाई को विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा पर धब्बा बताया है।

SFI और DYFI का विरोध प्रदर्शन, राजभवन पर मार्च

इस मुद्दे ने सियासी रंग ले लिया है। SFI और DYFI के कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया और बुधवार रात को राजभवन की ओर मार्च निकाला। पुलिस को छात्रों और युवाओं को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन तक का इस्तेमाल करना पड़ा। DYFI के नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्यपाल यूनिवर्सिटी को “भगवा किला” बनाना चाहते हैं और इस प्रक्रिया में कुलपति का इस्तेमाल हो रहा है।

25 जून को क्या हुआ था?

25 जून को केरल यूनिवर्सिटी के सीनेट हॉल में एक निजी कार्यक्रम के दौरान तब तनाव फैल गया जब SFI के कार्यकर्ताओं ने ‘भारत माता’ की भगवा झंडा लिए तस्वीर का विरोध किया। राज्यपाल की उपस्थिति से पहले ही SFI कार्यकर्ता कार्यक्रम स्थल में घुसने की कोशिश करने लगे। पुलिस को उन्हें हटाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसी दौरान रजिस्ट्रार ने कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी थी, लेकिन राज्यपाल ने फिर भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

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